नई दिल्‍ली: बचपन से होनहार स्टूडेंट रहे मुंबई के निर्मित पारेख ने एपल की नौकरी छोड़कर अरबों की कम्पनी बना डाली। उनकी कहानी सभी के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी है। "अपना" नाम का एक ऐसा प्लेटफार्म खड़ा किया है, जो ब्लू-कॉलर जॉब्स ढूंढने वालों और कंपनियों के बीच ब्रिज का काम करता है। सिर्फ 22 महीनों में 'अपना' 1.1 अरब डॉलर (लगभग 9,016 करोड़ रुपये) का स्टार्टअप बन गया। आइए, जानते हैं कैसे निर्मित पारेख ने असंभव को संभव कर दिखाया।

13 की उम्र में सीख ली थी रोबोटिक्स

निर्मित पारेख का जन्म एक साधारण से परिवार में हुआ था, लेकिन उनके सपने हमेशा बड़े थे। बचपन से ही उनके अंदर नई चीज़ों को सीखने और कुछ अलग करने का जुनून था। सिर्फ 7 साल की उम्र में एक डिजिटल घड़ी बनाई थी, और जब तक वे 13 साल के हुए, उन्होंने रोबोटिक्स प्रोग्रामिंग सीख ली थी।

21 की उम्र में पहला स्‍टार्टअप: Incone Technologies

निर्मित पारेख ने गुजरात के निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बी.टेक की डिग्री ली और सिर्फ 21 साल की उम्र में अपना पहला स्टार्टअप शुरू किया। इस स्टार्टअप का नाम Incone Technologies था, जो बाढ़ प्रबंधन के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करता था। यह स्टार्टअप की दुनिया में उनका पहला कदम था।

दूसरी शुरूआत Cruxbox: Intel को बेचा

Incone Technologies के बाद, निर्मित ने Cruxbox नाम से एक और कंपनी की शुरुआत की। Cruxbox के माध्यम से निर्मित ने अपनी स्पेशियलिटी को और आगे बढ़ाया और यह कंपनी इतनी सफल रही कि उन्होंने इसे बाद में Intel को बेच दिया। इसके बाद वे Intel में डेटा एनालिटिक्स के डायरेक्टर के रूप में शामिल हो गए। Intel में काम करते हुए ही उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया।

एमबीए के बाद एपल में नौकरी

एमबीए के बाद, निर्मित पारेख ने एपल में नौकरी की, जहां वे आईफोन की प्रोडक्ट और स्ट्रैटेजी टीम का हिस्सा बने। एपल जैसी कंपनी में काम करना हर किसी का सपना होता है, लेकिन निर्मित का लक्ष्य कुछ और ही था। उन्होंने भारत के ब्लू-कॉलर जॉब सेक्टर में मौजूद समस्याओं को समझा और इस दिशा में कुछ बड़ा करने का निर्णय लिया।

नौकरी छोड़कर लौटे भारत

भारत के असंगठित ब्लू-कॉलर सेक्टर में कामगारों की समस्याओं को देखते हुए, निर्मित ने एपल की अट्रेक्टिव जॉब छोड़ दी और भारत लौट आए। एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने की सोच के साथ आगे बढ़े, जो ब्लू-कॉलर वर्कर और कंपनियों को आपस में जोड़ सके।

2020 में "अपना" की शुरुआत

2020 में, कोरोना महामारी से ठीक पहले, निर्मित ने "अपना" की शुरुआत की। 'अपना' एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो ब्लू-कॉलर जॉब ढूंढने वालों और कंपनियों को जोड़ता है। आपको बता दें कि ब्लू-कॉलर जॉब्स उन नौकरियों को कहा जाता है, जो मुख्य रूप से शारीरिक श्रम पर आधारित होती हैं।

अपना: कैसे बन गया भारत का सबसे युवा यूनिकॉर्न?

'अपना' की सफलता की कहानी किसी सपने से कम नहीं है। सिर्फ 22 महीनों के भीतर 'अपना' 1.1 अरब डॉलर की हो गई और भारत का सबसे युवा यूनिकॉर्न बनी। यूनिकॉर्न का मतलब होता है, वो स्टार्टअप जिसकी वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर से अधिक हो।

अपना के साथ जुड़ी बड़ी कंपनियां

आज 'अपना' पर 1,50,000 से भी ज्यादा कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। इनमें Unacademy, BigBasket, Licious, WhiteHat Jr, Flipkart, Shadowfax, Zomato, Delhivery और Burger King जैसे बड़े नाम शामिल हैं। ये सभी कंपनियां 'अपना' के माध्यम से योग्य ब्लू-कॉलर कर्मचारियों को हायर कर रही हैं, जिससे नियोक्ता और काम करने वाले, दोनों को ही फायदा हो रहा है।

ये भी पढें-₹8000 से ₹800 करोड़ की मालकिन तक, ऐसे चमकी किस्मत? ...