नयी दिल्ली। ढाई साल की पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक पहुंची। आपको यह सुनकर ताज्जुब हो रहा होगा। पर यह सच है। राजस्थान के उदयपुर की रहने वाली बच्ची आर्या ने यह इतिहास रचा है। यह हैरानी की बात इसलिए भी है, क्योंकि जो काम करने की हिम्मत बड़े-बड़े लोग नहीं कर पाते हैं। वह एक छोटी से बच्ची ने कर दिखाया। 

पिता सौरव और मां नेहा के साथ पूरा किया लक्ष्य
 
माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक पहुंचने वाली सबसे कम उम्र की बच्ची आर्या ने अपने पिता सौरव और मां नेहा के साथ यह लक्ष्य पूरा किया है। पहाड़ पर चढ़ाई से पहले आर्या को 5 महीने तक ट्रेनिंग भी दी गई थी। वैसे देखा जाए तो आमतौर पर ढाई साल के बच्चे ठीक से बोलना नहीं सीख पाते हैं। ऐसे में आर्या का यह काम सरप्राइज करने वाला है।

चिकित्सा केंद्रों पर कराते रहे चेकअप 

आर्या के पिता सौरव का कहना है कि एवरेस्ट बेस कैंप में ट्रैकिंग के दौरान उन्होंने कई बच्चों को देखा था। पर उनमे भारत से कोई भी बच्चा नहीं था। तब उन्हें यह ख्याल आया कि अपनी बेटी को बेस कैंप तक लाया जाए और फिर वह अपनी बेटी को बेस कैंप तक लेकर आए। उन्हें यहां तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हुई। पहाड़ पर चढ़ाई के दौरान वह चिकित्सा केंद्रों पर बेटी का चेकअप कराते और फिटनेस के लिए फुटबाल खेलते रहें।

नेपाल के अधिकारियों से ली विशेष अनुमति

ढाई साल की आर्या की सेफ्टी के लिए नेपाल के अधिकारियों से विशेष अनुमति लेनी पड़ी थी। तीन काबिल इंस्ट्रक्टर को अलर्ट मोड पर रखा गया था। इसके अलावा इमरजेंसी की स्थिति के लिए डॉक्टर और अन्य सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई थी। पर चढ़ाई के दौरान बच्ची को इमजेंसी सर्विस की कहीं जरूरत नहीं पड़ी। बच्ची का आक्सीजन लेबल भी ठीक रहा। सौरव का कहना है कि अब वह अपनी बेटी को एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए तैयार करेंगे।

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