फरीदाबाद की तूलिका ने पर्यावरण को बचाने के लिए एक ऐसी शुरुआत किया जिसे आज फरीदाबाद में बहुत से लोग फॉलो कर रहे हैं। दरअसल तूलिका ने उत्सव में इस्तेमाल होने वाले डिस्पोजल के चलन को खत्म करने के लिए स्टील का क्रॉकरी बैंक खोला और मुफ्त में लोगों को देना शुरू किया ताकि सड़क पर लोग डिस्पोजल ना फेंके क्योंकि डिस्पोजल पर्यावरण के लिए खतरनाक होता है।
फरीदाबाद। लोगों के लिए अच्छा काम करना हो तो ऑप्शन बहुत होते है। फ़रीदाबाद की तूलिका एक क्राकरी बैंक चलाती हैं,और फरीदाबाद सहित हरियाणा के तमाम शहरों में मुफ्त में स्टील का बर्तन इस्तेमाल के लिए देती है। इस काम के पीछे क्या मकसद है कहां से इसका आईडिया है तमाम बातें माय नेशन हिंदी से शेयर किया तूलिका ने।
कौन है तूलिका
फरीदाबाद की तूलिका सुलेजा को लोग स्टील लेडी के नाम से बुलाते हैं। एक आम ग्रहणी की तरह तूलिका भी अपने पति और बच्चों के साथ आम जीवन जी रही थीं, लेकिन पर्यावरण और अपने परिवार को यह स्वास्थ्य को लेकर को लेकर वह हमेशा से सेंसिटिव रहती थी। उनके मन में कहीं ना कहीं यह हमेशा चलता था कि वह पर्यावरण के लिए कुछ करें।
कैसे हुई शुरुआत
तूलिका ने बताया कि एक बार वह घर से जा रही थी और रास्ते में कुछ लोग फ्री में लोगों को खाना खिला रहे थे। लेकिन उसकी वजह से पूरी सड़क पर प्लेट चम्मच ग्लास की गंदगी फैली हुई थी जो पर्यावरण के लिए ठीक नहीं था। इस घटना ने मुझे क्रॉकरी बैंक खोलने की वजह दे दिया। क्योंकि आए दिन त्योहार और धार्मिक उत्सवों में हजारों किलो का प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा होता है समझदार लोग कूड़ेदान में डालते हैं और कुछ लोग सड़क पर फैला देते हैं इसलिए मेरे दिल में यह बात बैठ गई की डिस्पोजल का सॉल्यूशन ढूंढना ही पड़ेगा।
2018 में शुरू हुआ क्रॉकरी बैंक
तूलिका ने बताया कि इस काम में उनके पति ने उनके साथ दिया और उन्हीं की मदद से तूलिका ने क्रॉकरी बैंक के लिए बर्तन खरीदे अपने सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने इसकी इनफॉरमेशन लोगों को दिया। और धीरे-धीरे इस बात को लोगों के बीच में फैलाया की कोई भी अगर कोई फंक्शन करता है उत्सव करता है तो वह तूलिका से मुफ्त में आकर स्टील के बर्तन ले जाए। धीरे-धीरे तूलिका के साथ लोग जुड़ने लगे।
छोटे बड़े हर फंक्शन में तूलिका से लिए जाते हैं बर्तन
तूलिका के इस अभियान में बहुत से पर्यावरण प्रेमी शामिल हुए घर के छोटे बड़े फंक्शन हो बर्थडे पार्टी हो किटी पार्टी हो सभी लोग तूलिका से कांटेक्ट करने लगे और तूलिका के क्रॉकरी बैंक से बर्तन ले जाने लगे। तूलिका ने बताया कि उन्होंने 50 प्लेट 50 चम्मच 50 थाली 50 ग्लास से शुरूआत किया था और इसके लिए उन्होंने सिर्फ 12 से 13000 रुपए ही इन्वेस्ट किया था।
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Last Updated Jan 10, 2024, 10:59 PM IST