नई दिल्ली। इतनी अच्छी सैलरी वाली जॉब क्यों छोड़ रही हो? स्टार्टअप सफल करना आसान नहीं है। लोगों ने बहुत कुछ कहा, पर यूपी के मेरठ की प्रेरणा कालरा ने स्टार्टटप शुरू करने की ठान रखी थी। काम शुरू करने के एक साल बाद भी फंडिंग का अता पता नहीं था। कोविड महामारी के दौरान दिक्कतें भी झेलीं। अब उनकी कम्पनी 'दालचीनी'का टर्नओवर 100 करोड़ पार कर गया है। आइए जानते हैं कि एक छोटे से शहर से निकलकर एक बड़ी कम्पनी खड़ी करने वाली प्रेरणा कालरा की सफलता की कहानी। 

चंडीगढ़ से इंजीनियरिंग, आईएमटी गाजियाबाद से एमबीए

प्रेरणा का जन्म मेरठ के एक मिडिल-क्लास परिवार में हुआ। उनके माता-पिता की एक छोटी सी दुकान थी। उनका सपना हमेशा उस दुकान को बड़ा बनाने का था, लेकिन उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि यह कैसे संभव होगा। उन्होंने चंडीगढ़ से इंजीनियरिंग और फिर आईएमटी गाज़ियाबाद से एमबीए किया। उनकी जॉब अच्छी थी, सैलरी भी अच्छी मिल रही थी, लेकिन वह संतुष्ट नहीं थीं।

2011 से 2018 तक पेटीएम में जॉब

प्रेरणा एक इंटरप्रेन्योरशिप कॉम्पिटिशन में भी शामिल हुई थीं। उसमें जीती और 50,000 रुपये पुरस्कार के रूप में मिले भी। पर यह पुरस्कार राशि काफी नहीं थी। इसी दौरान उनकी पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा से मुलाकात हुई। वह पेटीएम में जॉब करने लगीं। 2011 से 2018 तक बड़े पद पर काम किया। पेटीएम की प्रोडक्ट हेड से लेकर जनरल मैनेजर तक रहीं।

चीन में वेंडिंग मशीन देखकर आया स्टार्टअप का आइडिया

एक बार वह बैंकिंग के काम से चीन गईं, जहां उन्होंने वेंडिंग मशीन देखी। वहां चिप्स और कोल्ड ड्रिंक के अलावा फल, सैंडविच, और यहां तक कि लिपस्टिक तक वेंडिंग मशीन से बेची जा रही थी। ये उनके लिए एक नयी चीज थी, जो उन्होंने भारत में कभी नहीं देखा था। यहीं से उनके अंदर वेंडिंग मशीन का स्टार्टअप शुरू करने का विचार आया। 

क्या होती है वेंडिंग मशीन?

वेंडिंग मशीन यानी वो दुकानें जो बिना दुकानदार के चलती है, जहां पर आप बिस्किट से लेकर नमकीन तक और चॉकलेट से लेकर आइसक्रीम तक सब खरीद सकते हैं। सैंडविच से लेकर राजमा चावल तक कुछ भी खरीद सकते हैं। इस तरीके की वेंडिंग मशीन बिल्कुल जैसे आप एटीएम मशीन से पैसे निकालते हैं। उसी तरीके से आप इन वेंडिंग मशीन से कुछ भी निकाल सकते हैं।

जॉब छोड़कर शुरू कर दिया स्टार्टअप

बहरहाल, प्रेरणा ने चीन से वापस आने के बाद बिजनेस शुरू करने की ठान ली और अच्छी खासी नौकरी छोड़कर नये सफर की शुरूआत की। प्रेरणा ने अपने कुछ इंजीनियर दोस्तों के साथ मिलकर पहली वेंडिंग मशीन बनाने का काम शुरू किया। उन्होंने एक खाली फ्लैट में इसे तैयार करना शुरू किया और जिसमें 6-8 महीने लग गए। जब उन्होंने यह मशीन बाजार में पेश की, तो लोगों ने इसकी खूब तारीफ की। लोगों को घर के बने खाने की चीज़ें वेंडिंग मशीन से मिल रही थीं, जो उनके लिए बिल्कुल नया था।

2018 में "दालचीनी" की शुरूआत

2018 में प्रेरणा ने "दालचीनी" नाम से अपनी वेंडिंग मशीन कंपनी की शुरुआत की। कॉरपोरेट्स से टाई-अप कर ईवाई (ENY) जैसी बड़ी कंपनियों को अपनी वेंडिंग मशीन लगाने के लिए मनाया। पहले डेमो के रूप में बिना कोई चार्ज लिए मशीनें लगाईं। धीरे-धीरे उनकी मशीनों की संख्या बढ़ने लगी, जो 10 से 40 मशीन तक पहुंच गई।

कोविड महामारी में जीरो हो गए ऑर्डर

बढ़ते हुए बिजनेस के बावजूद फंडिंग प्राप्त करना एक बड़ी चुनौती थी। एक के बाद एक कई वीसी (वेंचर कैपिटलिस्ट) से मुलाकात की, लेकिन हर बार कुछ न कुछ कारणों से फंडिंग नहीं मिल पाती थी। परिवार के सपोर्ट के साथ आगे बढ़ती रहीं। आखिरकार, 2019 में उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें यूएस से आए एक इन्वेस्टर ने फंडिंग देने का फैसला किया। मार्च 2020 में, जब उनकी कंपनी 5 करोड़ के टर्नओवर तक पहुंच गई थी, तभी कोविड-19 महामारी का संकट आ गया। लॉकडाउन के कारण उनके सभी ऑर्डर जीरो हो गए और बिजनेस पूरी तरह से ठप हो गया। 

कोविड के बाद बदला बिजनेस मॉडल

कोविड के बाद उन्होंने अपने बिजनेस मॉडल में बदलाव किया और वेंडिंग मशीनों को फैक्ट्रीज़ में लगाना शुरू किया। जहां ऑफिस बंद थे, वहां फैक्ट्रियों में लोग काम कर रहे थे। उन्होंने रिलायंस जैसी बड़ी फैक्ट्री में अपनी मशीनों को लगाना शुरू किया, और एक के बाद एक नए ऑर्डर आने लगे। आज, "दालचीनी" 600 से अधिक फैक्ट्रियों में मौजूद है और 70 से अधिक शहरों में अपनी वेंडिंग मशीन के जरिए सेवाएं दे रही है। उनकी टीम में 70 से अधिक लोग हैं और कंपनी का टर्नओवर 100 करोड़ से ऊपर पहुँच चुका है।

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