जम्मू के कुंजवानी में अरुण मेहरा चाय की शॉप चलाते हैं। इस शॉप के पास से गुज़रने वाले एक बार अरुण की चाय की दुकान पर रुकते ज़रूर हैं । वजह है इस चाय की दुकान का नाम।  दरअसल अरुण की चाय की दुकान का नाम है "फेलियर चाय वाला " इस नाम की पीछे क्या वजह है इस बारे में माय नेशन हिंदी से विस्तार से अपने एक्सपीरियंस और जर्नी शेयर किया अरुण मेहरा ने ।

कौन हैं अरुण मेहरा 

अरुण मेहरा जम्मू के रहने वाले हैं।  परिवार में उनके माता पिता और दो भाई बहन है। अरुण ने बीकॉम सेकेंडियर में पढाई पढाई छोड़ दिया था क्यूंकि वो बिज़नेस करना कहते थे। हालांकि उन्होंने कई जगह नौकरी भी किया लेकिन वो अपना काम करना चाहते थे और हर जगह उन्हें फेलियर का सामना करना पड़ा। अरुण ने कई स्टार्टअप में पैसा लगाया लेकिन हर जगह उनको नुकसान उठाना पड़ा।  

दोस्त ने किया सुसाइड 

अरुण ने बताया की उनकी ज़िंदगी में स्ट्रगल काफी रहा और हर कदम पर नाकामी झेलना पड़ा।  इसी दौरान फेलियर से हताश होकर अरुण के एक दोस्त ने सुसाइड कर लिया।  उन्होंने बताया की बचपन से उन्होंने हर काम में नुकसान उठाया इसलिए अपने कुछ दोस्तों से राय मशवरा कर अरुण ने तय किया की अब वो कोई ऐसा काम शुरू करेंगे जिसमे कम से कम पैसा लगे लिहाज़ा ये तय हुआ की ज़िंदगी में फेलियर चाय वाला के नाम से दुकान स्टार्ट करेंगे।  एक महीने के अंदर अरुण ने अपनी शॉप खोल लिया और रिस्पांस भी अच्छा मिलने लगा। 

फ्लेवर्ड चाय 

अरुण की दुकान पर सिर्फ दूध की चाय ही नहीं बल्कि 6 से 7 फ्लेवर की चाय मिलती है।  इनमे रोज फ्लेवर, पान फ्लेवर, चॉकलेट फ्लेवर, मिंट फ्लेवर समेत  कई और फ्लेवर भी है जिन्हे लोग काफी पसंद करते हैं। वहीं अरुण इस काम को आगे एक्सपैंड करना चाहते हैं। 

एक साल में  तीन दुकान के मालिक बन गए अरुण 

जनवरी 2023 में अरुण ने रोड साइड पे चाय की शॉप खोली थी और महज़ एक साल में उनके दो आउटलेट और एक शॉप हो  गयी। वहीं एक दिन में उनकी दुकान पर 70 से 80 फुटफॉल हर हाल में पड़ते हैं। हालांकि  शुरुआत में 40 से 50 लोग ही दिन भर में आते थे लेकिन माउथ टू माउथ पब्लिसिटी और चाय की क्वालिटी से दुकान पर भीड़ होने लगी।  अरुण की चाय 20 रूपये की है और महीने में आराम से 50000 से ज़्यादा की इनकम हो जाती है। 

घर वालों को 10 दिन बाद पता चला अरुण की दुकान के बारे में 

अरुण ने बताया की चाय की दुकान को लेकर उनके फादर काफी नाराज़ थे।  चाय की दुकान खुलने के बाद दस दिन तक घर में किसी को अरुण की दुकान के बारे में कुछ नहीं पता था।  धीरे धीरे अपने काम से अरुण सबको कन्विंस किया।  आज उनकी तरक्की देख कर उनकी फॅमिली भी उन पर प्राउड फील करती है। 

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