वाराणसी। मिर्जापुर के किसान प्रभात कुमार मिश्रा के बेटे नमन मिश्रा ने फाइनेंशियल फ्राड से बचने के लिए एक नई तकनीक ढूंढ़ निकाली है, जो आम लोगों के 'आधार' व अन्य आईडी प्रूफ के डेटा लीकेज को रोकेगी। उन्होंने KYC के लिए ब्लाक चेन बेस्‍ड एप्लीकेशन, सीडैक्स (SEDAX) बनाई है, जो होटल या अन्य प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन में आईडी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया बदल देगा। सीडैक्स के जरिए यूजर बिना आईडी की कॉपी दिए खुद को वेरिफाई करा सकेंगे। यह आम लोगों के डेटा को लीकेज प्रूफ बनाएगा।

आईडी की सुरक्षा की गारंंटी नहीं देते होटल

यदि आप होटल में कमरा बुक करते हैं, तो चेक इन करने के लिए आपको आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट जैसे आईडी प्रूफ की हार्ड कॉपी जमा करनी पड़ती है। ज्यादातर होटल में यही पॉलिसी अपनाई जाती है। यहीं से आपके आईडी के लीकेज का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि होटल या अन्य निजी संस्था आपको आईडी की सुरक्षा की गारंटी नहीं देते हैं। फिर आपकी आईडी तक ठगों की पहुंच आसान हो जाती है और ठग ऐसे ही आईडी का इस्तेमाल कर जालसाली को अंजाम देते हैं। 

ट्रैवेल के दौरान उठा सवाल, रिसर्च कर निकाला सॉल्यूशन

साल 2018 में सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी और विज्ञान विश्वविद्यालय (SHUATS), इलाहाबाद से बायो टेक्नोलॉजी में बीटेक करने के बाद नमन मिश्रा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे थे। दूसरे शहरों में यात्रा के दौरान कई जगहों पर उनकी आईडी ली जाती थी। जानकारी करने पर पता चला कि उम्र और निवास स्थान की जानकारी के लिए आईडी ली जाती है। नमन को लगा कि इस तरह आईडी का दुरुपयोग हो सकता है। फिर उन्होंने इस पर रिसर्च शुरु किया और सीडैक्स के रूप में सॉल्यूशन निकाला। ताकि खुद को वेरिफाई कराने के दौरान व्यक्ति का डेटा दिखे ही नहीं और जब डेटा दिखेगा नहीं तो उसके दुरुपयोग की संभावना भी नहीं होगी।

DigiLocker और पॉलीगॉन के साथ पार्टनरशिप 

एशियानेट न्यूज माईनेशन हिंदी से बातचीत के दौरान सीडैक्स के फाउंडर नमन मिश्रा कहते हैं कि फरवरी 2022 से इस पर रिसर्च शुरु किया। नवम्बर 2022 में IIT-BHU मे खुद को इंक्यूबेट किया। उस दौरान यह समझाने में बड़ा स्ट्रगल करना पड़ा कि मैं यह कर सकता हूॅं। लोग कह रहे थे कि नहीं हो पाएगा। मार्केट में लोग नहीं मानेंगे। पर अब डिजीलॉकर (DigiLocker) और पॉलीगॉन ब्लॉकचेन कंपनी के साथ पार्टनरशिप की है। यह सेवा यूजर के लिए फ्री होगी और होटल व अन्य संस्थाओं की भी कॉस्ट कम होगी।

महज 3 सेकेंड में हो जाएगा वेरिफिकेशन

नमन कहते हैं कि इससे पुलिस का काम भी आसान हो जाएगा। उन्हें बार-बार डेटा चेक करने के लिए होटल पर नहीं जाना पड़ेगा। वह आनलाइन ही डेटा चेक कर सकेंगे। होटल वालों को भी आईडी संभालकर रखने में मशक्कत करनी पड़ती है। एक आईडी के पीछे उनके 12 से 15 रुपये खर्च होते हैं। पर सीडैक्स के जरिए महज 3 सेकेंड में व्यक्ति का वेरिफिकेशन हो जाएगा। आईडी के रख रखाव में खर्च होने वाला पैसा भी बचेगा।

कैसे करता है काम?

होटल में रिसेप्शन पर मौजूद व्यक्ति आपको एक क्यूआर कोड दिखाएगा। उस क्यूआर कोड को फोन से स्कैन करते ही स्क्रीन पर वैलिडिटी आ जाएगी। यह रिकॉर्ड भविष्य में सरकार की तरफ से होने वाली क्वेरी के लिए सेव हो जाएगा। इसमें न ही आपको डेटा देने की जरुरत पड़ेगी और न ही कोई अन्य व्यक्ति आपका डेटा देख सकता है। इससे आईडी के मिसयूज की संभावना भी नहीं रहेगी।

फेंक आईडी से नहीं करा सकेंगे वेरिफिकेशन

नमन कहते हैं कि सबसे बड़ी बात यह है कि कोई भी अराजक तत्व देश में फर्जी आधार कार्ड बनवाकर होटल में कमरा बुक करता है और ट्रैवल करता है। ब्लॉक चेन बेस्ड केवाईसी फेंक आईडी की भी पहचान करेगा। कोई भी व्यक्ति फेंक डेटा का यूज कर वेरिफिकेशन नहीं करा पाएगा। ऐसे में अराजक तत्वों द्वारा अंजाम दी जा रही घटनाओं पर भी लगाम लगेगी। दूसरी तरफ आधार का डेटा लीक नहीं होगा, आजकल देश में डेली करोड़ो रुपये के फाइनेंशियल फ्राड के मामले आते हैं, इससे फाइनेंसियल फ्राड के केसेज में गिरावट आएगी।

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