नागपुर। घर में लकड़ी का काम कराने के लिए आम तौर पर आपने बढ़ई दादा या भैया को बुलाया होगा या फर्नीचर बनाते हुए आपने किसी मेल बढ़ई को देखा होगा लेकिन आज हम आपको एक महिला कारपेंटर से मिलाने जा रहे हैं जो फर्नीचर बनाने का काम करती हैं और ये प्रीती कारपेंटर के नाम से मशहूर हैं।  माय नेशन हिंदी से प्रीती ने अपने इस काम को करने के पीछे की कहानी शेयर किया। 

कौन है प्रीति कारपेंटर 

प्रीती हिंगे  नागपुर के वाठोडा गांव की रहने वाली हैं। इसी गांव में उनकी वर्कशॉप है।  नाम है जयश्री गणेश फर्नीचर मार्ट।  प्रीति के पति ड्राइवर है। प्रीति  तीन बेटियों की मां भी है। उन्होंने बचपन से अपने पिता को बढ़ई का काम करते देखा और उनके अंदर इस काम को सीखने की ललक पैदा हुई। 

 

20 साल की उम्र में बनाई पहली अलमारी 

प्रीती जब 20 साल की थीं तब उन्होंने पहली लकड़ी की अलमारी बनाई थी। वो कहती हैं जब मैंने पिता जी से कहा था की वो भी फर्नीचर बनाना सीखना चाहती हैं तो पिता जी ने पूरा सहयोग किया लेकिन लोग हैरत से प्रीती को देखते थे और बातें बनाते थे।  प्रीती ने सबकी बातों को नज़रअंदाज़ किया और अपना काम मन लगा कर करती रहीं।  धीरे धीरे प्रीती मेज़ कुर्सी , बेड , ड्रेसिंग, सब कुछ बनाना सीख गयीं। 

शादी के बाद भी करती रहीं काम 

प्रीती कहती हैं की मेरे पति पेशे से ड्राइवर हैं।  घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी लिहाज़ा तय किया की फर्नीचर के बिज़नेस को आगे बढ़ाया जाए।  प्रीती ने बताया की पहला बच्चा होने के बाद मैंने फर्नीचर का काम करना शुरू किया।  तीन बच्चे हैं इस वक़्त, प्रेगनेंसी के दौरान भी फर्नीचर बनाने का काम करती थी।  उन्होंने बताया की 9  साल पहले उन्होंने एक दुकान खरीदी थी जिसका किराया 8000  था। फर्नीचर के काम से उनका किराया भी आसानी से निकलता है। 

इलाके की सबसे बड़ी दुकान  

प्रीती का काम धीरे  धीरे पूरे इलाके में फैल गया। आस-पास के इलाके में उनकी फर्नीचर की सबसे बड़ी दुकान है। प्रीती कारपेंटर दीदी के नाम से पूरे इलाके में मशहूर हैं। वहीं 100 किलोमीटर के इलाके में प्रीति के अलावा कोई भी महिला कारपेंटर नहीं है। आज प्रीती से लोग प्रेरणा लेते हैं। 

स्किल इण्डिया मिशन में सीखा बारीकियां 

प्रीती ने बताया की भारत सरकार के स्किल इंडिया मिशन के अंतर्गत चलाए गए प्रोग्राम में  उन्होंने ‘द नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट’ में 15 दिन की वर्कशॉप में हिस्‍सा लिया था। इस ट्रेनिंग में प्रीती ने बहुत सी बारीकियां सीखीं  जो उन्होंने पिता से नहीं सीखा था।  

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