मुंबई। सोलर मैन आफ इंडिया कहे जाने वाले सचिन शिगवान अब तक 10 राज्यों के 550 से ज्यादा गांवों को सोलर ऊर्जा से लैस कर चुके हैं। कुछ गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाई तो कहीं सोलर वाटर पम्प, सोलर वाटर फिल्टर जैसे सिस्टम लगाएं। स्कूलों को भी सोलर इनर्जी से रोशन किया। उनका मकसद 2025 तक देश के 1000 गांवों को सोलर इनर्जी से लैस करना है। इस काम के लिए उन्हें कई अवार्ड्स भी मिल चुके हैं। BHIS कानपुर के TEDx प्लेटफॉर्म पर भी बतौर स्पीकर बुलाया गया था।

महिलाओं को सोलर इनर्जी से घर पर ही पानी

माई नेशन हिंदी से बात करते हुए सचिन शिगवान कहते हैं कि गांवों में महिलाओं को पानी लाने के लिए दूर तक जाना पड़ता है। सोलर इनर्जी के जरिए अब उन्हें पानी आसानी से उपलब्ध होता है। महिलाओं के 3-4 घंटे बचते हैं। गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाएं। सरकारी स्कूलों की भी इलेक्ट्रिफिकेशन का काम किया। स्कूलों में सोलर इनर्जी लगने से ई—लर्निंग भी आसानी से हो सकती है। इसके अलावा हम सोलर बेस्ड सिलाई मशीन, पापड़ मशीन, अगरबत्ती बनाने की मशीन भी लाए हैं।

10 हजार से ज्यादा बच्चों को फ्री लाइट्स

सचिन कहते हैं कि मुंबई में लोनावाला के नजदीक राजमाची गांव और पालघर में बहुत सारे वॉटर प्रोजेक्ट किए हैं। अब तक 10 हजार से ज्यादा बच्चों को सोलर लाइट्स डोनेट किया है, ताकि उन्हें केरोसिन वाले लैंप की रोशनी में पढ़ाई न करनी पड़े। सचिन शिगवान असम, दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, जम्मू, उड़ीसा, तेलंगाना, असम, तमिलनाडु में काम कर रहे हैं।

2009 से काम की शुरुआत

सचिन कहते हैं कि काम की शुरुआत उन्होंने साल 2009 में ही कर दी थी। साल 2014 ग्रीन इंडिया इनिशिएटिव प्राइवेट लिमिटेड रजिस्टर्ड हुई। उस समय बहुत सारे दोस्तों ने हाथ खड़े कर लिए। कहा कि यह चलेगा नहीं। फिर दो-तीन दोस्तों का साथ मिला तो काम धीरे धीरे चल पड़ा। अब स्थिति बदल गई है। अब कॉलेजों में स्पीच देने के लिए बुलाया जाता है। सचिन को काम को लंदन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड और इंडिया बुक आफ रिकार्ड से भी रिकाग्निशन मिला है।

कैसे हुए प्रेरित?

सचिन शिगवान कहते हैं कि शुरुआती दिनों में रोटरी क्लब के माध्यम से सोशल वर्क करना शुरु किया था। पहले से सोलर के काम से जुड़े थे। एक दिन अपने मेंटर दीपक गढ़िया से बात की और गांवों तक सोलर इनर्जी पहुंचाने के लिए काम शुरु कर दिया। दीपक गढ़िया पहले से सोलर के क्षेत्र में काम कर रहे थे। गढ़िया को भारत में 'थर्मल सोलर का जनक' कहा जाता है। उन्होंने कई धार्मिक स्थलों के लिए सौर ऊर्जा से खाना बनाने का सिस्टम दिया है।  

कैसे करते हैं काम?

सचिन कहते हैं कि गांव में जाकर उनकी जरुरते देखते हैं। उसकी रिपोर्ट बनाते हैं। सीएसआर (Corporate Social Responsibility), प्राइवेट डोनर या एनजीओ से मदद मिलती है। 

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