श्रीनगर: धारा 370 हटाने, जम्मू कश्मीर के विभाजन और उसे केन्द्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका से 100 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा वहां अभी भी मोबाइल और इंटरनेट सेवा बाधित है। ऐसा अफवाहों को नहीं फैलने देने के कारण किया गया है। क्योंकि इंटरनेट और मोबाइल से कई तरह की गलत सूचनाएं फैलाने का खतरा था। इसलिए इसपर अभी प्रतिबंध है। 

जम्मू कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक गिरफ्तार लोगों में जम्मू कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेन्स के सज्जाद लोन और इमरान अंसारी भी हैं। इन दोनों के पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी गिरफ्तार किया गया है। इन गिरफ्तार नेताओं को श्रीनगर के हरि निवास गेस्ट हाउस में रखा गया है। 

इन चारो नेताओं के अलावा गिरफ्तार किए गए 100 लोगों को राज्य की विभिन्न जेलों में रखा गया है। उनके बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है। 

इस बीच कश्मीर घाटी में पाबंदियों के बावजूद कुछ दुकानें खुली दिखीं और सड़कों पर थोड़ी आवाजाही भी थी। कुछ लोग मोटरसायकिलों और कारों में बाजार आते हुए भी दिखे। इस बीच पुंछ जिले के बफलैज इलाके में पत्थरबाजी की एक छोटी घटना सामने आई है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी को थोड़ी बहुत चोटें आई हैं। 

इस तरह की और घटनाओं को रोकने के लिए ही प्रशासन ने 100 गिरफ्तारियां की हैं।