नई दिल्ली: भारत के 13 राजनयिकों ने परिवार सहित पाकिस्‍तान छोड़ दिया है। ये लोग वाघा बार्डर के ज़रिये भारत लौट आए हैं। इससे भारत पाकिस्तान के रिश्तों के बीच तल्खी और बढ़ी है। पिछले सोमवार को भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटा दिया था। इसके बाद से ही पाकिस्‍तान लगातार प्रतिक्रियाएं देता आ रहा है।

गुरुवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने ऐलान किया था कि इस्लामाबाद स्थित भारत के रायनयिक स्टाफ में कमी की जाएगी। भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय समझौते के तहत मिशन की कुल क्षमता 110 है, जिसमें अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। यह पारस्परिकता के आधार पर है। 

पाकिस्तानी मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक वहां के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने कश्मीर पर भारत के फैसले के बाद की स्थिति पर चर्चा की, जिसके बाद पाकिस्तानी सरकार ने कई फैसले किए हैं, उसी के तहत लिए गए कई फैसलों में भारतीय राजनियक स्टाफ कम करने का यह फैसला भी शामिल था। 

जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने और संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को खत्म करने और सभी द्विपक्षीय व्यवस्था की समीक्षा करने की बात कही है। 

इसी क्रम में पाक ने भारत के साथ अपने व्‍यापारिक संबंध भी खत्‍म कर लिए हैं। इसका असर दोनों देशों के बीच यातायात सेवा पर भी पड़ा है। समझौता एक्‍सप्रेस, थार एक्‍सप्रेस ट्रेन के थमने के बाद दिल्‍ली एवं लाहौर के बीच बस सेवा भी प्रभावित हो चुकी है।

लेकिन पाकिस्तान द्वारा भारत से व्यापारिक संबंध खत्म किए जाने का भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि हमारे कुल विदेश व्यापार का महज 0.31 फीसदी ही पाकिस्तान के साथ होता है। इसके अलावा आपसी व्यापार में 80 फीसदी माल भारत से पाकिस्तान जाता है, जबकि पाकिस्तान से महज 20 फीसदी माल भारत आता है।