ओडिशा, बंगाल, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में बाढ़ और बारिश का कहर जारी है। इन राज्यों में आसमानी आफत के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 200 तक पहुंच गई है। इन पांचों राज्यों में रेल, सड़क और हवाई सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है।
नई दिल्ली: सावन का महीना खत्म होने ही वाला है। बारिश अभी तक थमने का नाम नहीं ले रही है। देश के पांच राज्यों में बरसात के कारण अब तक लगभग 200 लोगों की जान जा चुकी है। मौसम विभाग ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के आठ जिलों में भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। बारिश की यह आशंका बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव वाले मानसून के सक्रिय होने की वजह से जताई गई है।
मानसून के कारण दक्षिण बंगाल में अगले 48 घंटे में भारी बारिश की आशंका है। इसकी वजह से दिल्ली के आस पास के इलाकों में भी अगले छह दिनों तक बारिश होने का अनुमान लगाया गया है।
लेकिन बारिश का असर यातायात से साधनों पर पड़ रहा है। पश्चिम बंगाल में मंगलवार को तीन ट्रेनें रद्द कर दी गई। बारिश के कारण पांच ट्रेनें अनिश्चित काल के लिए रद्द की गई हैं।
वहीं ओडिशा के संभलपुर-टिटलागढ़ सेक्शन पर भारी बारिश के चलते रेल ट्रैक पर पानी भर गया है। जिसकी वजह से ट्रेनों का संचालन अस्थायी रुप से बंद कर दिया गया है। जल स्तर में कमी आने के बाद ट्रेन सेवाएं फिर से बहाल की जाएंगी।
बारिश ने केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में भी जन जीवन पर बेहद बुरा असर डाला है। इन राज्यों में 12 लाख से ज्यादा लोग अभी भी बाढ़ की चपेट में फंसे हुए हैं। कर्नाटक में 48 लोगों की मौत हुई है। यहां 70 जिलों की 80 तहसीलें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। कर्नाटक में 12 लोग लापता हैं जबकि मरने वालों की संख्या 48 पहुंच गई है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बताया है कि वह प्रधानमंत्री को बाढ़ से हुई तबाही की जानकारी देने के लिए दिल्ली जा रहे हैं।
महाराष्ट्र में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 43 हो गई है। पूरे राज्य में 761 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। यहां 4.48 लाख लोगों को बाढ़ ग्रसित इलाकों से निकाला गया है।
कर्नाटक में सेना के हेलीकॉप्टर लोगों को बाढ़ से बचाने के साथ साथ खाना भी पहुंचा रहे हैं।
केरल सरकार ने राज्य के 14 जिलों में बाढ़ की चपेट में आकर मरने वाले 88 लोगों की सूची जारी की है। यहां 2.87 लाख लोग शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।