कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के लेक टाउन इलाके में भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष पर तब उग्र भीड़ ने हमला कर दिया जब वह अपने रोजाना के कार्यक्रम के मुताबिक  मॉर्निंग वॉक के लिए प्रस्थान कर रहे थे। घोष ने बताया कि इस दौरान पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस समर्थकों की मौजूदगी में भीड़ ने उनको घेर लिया और हमला किया। 

चश्मदीदों के मुताबिक भीड़ ने दिलीप घोष को गालियां दी और उनपर हमला करने लगी। जिन्हें बचाते हुए भाजपा के दो कार्यकर्ता घायल हो गए। दिलीप घोष ने इस घटना के लिए सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया है। 

खास बात यह है कि चार दिन पहले यानी सोमवार को ही दिलीप घोष ने पूर्वी मिदनापुर में भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया था कि अगर उन पर हमला होता है तो वे टीएमसी के लोगों और पुलिस की पिटाई कर दें। उन्होंने चेतावनी दी थी कि  'मैं उन्हें चेतावनी देता हूं, चाहे वे टीएमसी नेता हों या उनके चमचे पुलिस अधिकारी, किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। 

इस बारे में घोष ने सोमवार को मीडिया के सामने भी कहा था कि 'हमें लगता है कि हिंसा की इस राजनीति का सामना करने के लिए हिंसा की आवश्यकता है वरना हमारा वजूद नहीं बचेगा। इसलिए मैंने अपने पार्टीजनों से कहा है कि वे मेरे पास रोते हुए ना आएं।  उन्हें इसकी जगह बदला लेना चाहिए।  अब तक हम धरना-प्रदर्शन से उनका विरोध करते रहे हैं, लेकिन अब इसका माकूल जवाब देने का समय आ गया है।  अगर वो अपना रवैया नहीं बदलते हैं तो हमें अपना नजरिया बदलने के लिए मजबूर होना होगा। 

दिलीप घोष के इसी आह्वान के बाद आज शुक्रवार सुबह उनपर हमला किया गया। 

दिलीप घोष पर इसके पहले भी कई बार हमला किया जा चुका है। तीन महीने पहले इसी साल मई में जब वह बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता हेमंत बिस्‍व सरमा के साथ जा रहे थे तो उनके काफिले पर खेजुरी में हमला हुआ था।  हालांकि उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन दो वाहनों में तोड़फोड़ की गई। 

इस घटना के दौरान दिलीप घोष ने आरोप लगाया था कि हमले की जानकारी होने पर सीआरपीएफ मौके पर पहुंची थी, लेकिन टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर जाम लगा दिया और सीआरपीएफ को घटनास्थल पर नहीं पहुंचने दिया। 

 पिछले साल यानी साल 2018 के दिसंबर में भी दिलीप घोष की गाड़ी पर कूचबिहार जिले के सीतलकुची इलाके में अज्ञात लोगों ने हमला किया था। उस समय दिलीप घोष बीजेपी की रथयात्रा की तैयारियों के लिए कूचबेहार में थे।