देश की सर्वोच्च अदालत ने पूर्व वित्त और गृहमंत्री पी चिदंबरम को राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत का कहना था कि अगर उन्हें राहत चाहिए तो निचली अदालत के पास ही जाना पड़ेगा। जिसके बाद दिन में सीबीआई अदालत में उनकी रिमांड पर सुनवाई हुई। अदालत ने चिदंबरम की रिमांड अवधि और 4 दिन के लिए बढ़ा दी।
नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली चिदंबरम की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। अदालत ने तर्क गिया कि चूंकि चिदंबरम की गिरफ्तारी हो चुकी है, इसलिए अब उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती है। अगर वादी को सीबीआई के संबंधित मामले में राहत की उम्मीद है तो उन्हें निचली अदालत की ओर रुख करना पड़ेगा।
चिदंबरम की तरफ से पेश याचिका पर सुनवाई करते हुे जस्टिस भानुमति की पीठ ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसलों से यह स्पष्ट है कि अगर उनकोको सीबीआई मामले में राहत चाहिए तो उन्हें निचली अदालत में जाना होगा और वहीं से राहत की मांग करनी होगी।
चिदंबरम की तरफ से उनके वकील दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत की याचिका खारिज होने के खिलाफ शीर्ष अदालत गए थे।
उधर चिदंबरम की सीबीआई की 5 दिनों की रिमांड भी सोमवार को समाप्त हो रही है। जिसपर सुनवाई करते हुए सीबीआई अदालत ने उसे और चार दिन के लिए बढ़ा दिया है। यानी अब चिदंबरम को 30 अगस्त तक रिमांड में रहना होगा।
सीबीआई अदालत में चिदंबरम की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। लेकिन वह भी चिदंबरम को राहत नहीं दिला पाए। जब अदालत ने रिमांड अवधि बढ़ाई तब वहां चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम और बेटा कार्ति भी मौजूद थे।
दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा आईएनएक्स मीडिया केस में अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद 21 अगस्त को सीबीआई ने चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया था।
Last Updated Aug 26, 2019, 6:06 PM IST