चेन्नई: जम्मू कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में चीन पूरी तरह पाकिस्तान के पक्ष में उतर आया है। चीन ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान को हर तरह की मदद मुहैया करा रहा है। इसमें पाकिस्तान के लिए भारत की जासूसी भी  शामिल है। 

ऐसी खबर आई है कि चीन का जासूसी करने वाला नौसैनिक जहाज भारत के समुद्री क्षेत्र की टोह लेने के लिए घुसा और कई दिनों तक भारतीय क्षेत्र में ही रहा। चीन की मंशा भारतीय नौसैनिक बलों की गतिविधि और सैन्य जहाजों की तैनाती से संबंधित जानकारी इकट्ठा करके पाकिस्तान को देने की है। खुफिया विभाग ने इस बारे में चेतावनी जारी की है। 


खुफिया विभाग की चेतावनी के मुताबिक चीन अपने अत्याधुनिक टोही जहाजों को लगातार अंडमान निकोबार के भारतीय समुद्री इलाकों में टोह लगाने के लिए भेज रहा है। चीन के इन जासूसी जहाजों के निशाने पर हिंद महासागर में मौजूद भारतीय नौसैनिक अड्डे हैं। वह भारतीय नौसेना के लड़ाकू जहाजों की तैनाती से संबंधित जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा है। 

खुफिया विभाग को चीन के 'तिआनवांगजिंग' जहाज की गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल हुई है। इस बारे में एक टेलीविजन चैनल  ने भी रिपोर्ट दिखाई थी। 

भारतीय खुफिया सूत्रों के मुताबिक चीन का जासूसी जहाज अंडमान निकोबार द्वीप समूह के पूर्वी समुद्र तटीय इलाके में घुसा और वहां कई दिनों तक छिपकर जानकारियां इकट्ठा करता रहा। चीन की यह शरारतपूर्ण हरकत बहुत आपत्तिजनक है। क्योंकि अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर भारतीय सेना के तीनों बलों जल, थल और वायु सेना के अड्डे मौजूद हैं। वहां से संबंधित किसी तरह की जानकारी लीक होने से देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।  क्योंकि अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर भारत का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा मौजूद है। 

फिलहाल सैन्य अधिकारी इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि चीनी जासूसी पोत ने किस तरह की जानकारियां इकट्ठा की हैं और उसका उद्देश्य क्या है। 

वैसे चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग को देखकर यह साफ लगता है कि चीन ने पाकिस्तान के हित में भारत की जासूसी करने का फैसला किया है। क्योंकि चीन पाकिस्तान के ग्वादर और कराची बंदरगाहों की मरम्मत का काम जोर शोर से कर रहा है। 

इसके अलावा पाकिस्तान की मदद के लिए चीन ने कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भी उठवा दिया था।