नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज अपने हाथों से अपने पूर्ववर्ती प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया। जब प्रणब दा सम्मान लेने के लिए आगे बढ़े तो ऐसा लगा जैसे वर्तमान और अतीत का मिलन हो रहा हो। क्योंकि अब से चंद ही साल पहले तक प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति की कुर्सी पर थे। 

नानाजी देशमुख को मिला भारत रत्न सम्मान उनकी तरफ से दीनदयाल उपाध्याय रिसर्च संस्थान(डीआरआई) के अध्यक्ष वीरेन्द्रजीत सिंह ने जबकि भूपेन हजारिका का सम्मान उनके पुत्र तेज हजारिका ने ग्रहण किया। 

प्रणब मुखर्जी भारत रत्न से सम्मानित होने वाले देश के पांचवें राष्ट्रपति हैं। उनके पहले प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन और वीवी गिरी को भी भारत रत्न दिया जा चुका है। यह सभी भारत के राष्ट्रपति पद को सुशोभित कर चुके हैं। 

प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने का ऐलान जनवरी में ही कर दिया गया था। जिसके बाद आज यानी 8 अगस्त को औपचारिक रुप से यह सम्मान बांटे गए। 

भारत रत्न एक तांबे का पदक होता है। यह पीपल के पत्ते के आकार का होता है जिसपर प्लेटिनम से चमकता हुआ सूर्य बना होता है। इसके नीचे चांदी से भारत रत्न लिखा रहता है। यह पुरस्कार अपने अपने क्षेत्रों में अविस्मरणीय प्रदर्शन करने वालों को दिया जाता है।