भारत के चंद्र अभियान के लिए आज का दिन बेहद अहम रहा। इसरो की तरफ से चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-2 से उसका लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक अलग हो गया। यह सफलता पहले से तय समय पर सोमवार की दोपहर 1.35 बजे मिली।   

नई दिल्ली: एक बेहद महत्वपूर्ण सफलता के तहत इसरो के चंद्रयान-2 से उसका विक्रम लैंडर अलग हो गया है। खास बात यह है कि इस कारनामे ने साबित कर दिया कि चंद्रयान-2 पूरी तरह इसरो के वैज्ञानिकों के इशारे पर चल रहा है। क्योंकि विक्रम लैंडर अलग होने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने आज दोपहर 12.45 से 13.45 का समय तय किया था। ठीक इसी तय समय पर विक्रम लैंडर दोपहर 13.35 बजे चंद्रयान से अलग हुआ। 

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कुछ इस तरह चंद्रयान-2 से अलग हुआ विक्रम लैंडर
इस अलगाव के बाद अब विक्रम लैंडर तेजी से चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा है। इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने पहले ही इसकी पूरी प्रक्रिया समझा दी थी। उन्होंने बताया था कि 2 सितंबर को होने वाली लैंडर अलगाव की प्रक्रिया काफी तेज होगी। यह उसी गति से होगा, जिस गति से कोई सैटलाइट लॉन्च वीइकल से अलग होता है। इसमें करीब एक सेकंड लगेगा। इस अलगाव की प्रक्रिया में उसी तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया है जिसका पायलट लड़ाकू विमान में खराबी आने के बाद अपनी जान बचाने के इजेक्‍ट होने के लिए करते हैं। 

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इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक ऑर्बिटर के ऊपर लगे फ्यूल के एक्सटेंशन में लैंडर और रोवर रखे गए हैं जो कि क्लैंप और बोल्ट से अटैच हैं। उन्होंने बताया कि एक स्प्रिंग के दो तरफ लैंडर और रोवर जुड़े हुए हैं। जिस बोल्ट से स्प्रिंग लगा हुआ है उसे कमांड के जरिए काट दिया जाएगा और लैंडर सफलतापूर्वक अलग होगा। इसके बाद विक्रम लैंडर लगातार नीचे चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ता जाएगा। 

अब क्या कर रहा है विक्रम लैंडर
अब विक्रम लैंडर चंद्रयान-2 से अलग होकर चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहा है। अब अगले दो दिन लैंडर अपनी कक्षा को छोटा करता जाएगा और चंद्रमा से 36 किमी दूर की कक्षा में पहुंचकर चक्कर लगाएगा। 

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अगले चार दिनों में वह चांद की सतह के बिल्कुल नजदीक पहुंच जाएगा। जिसके बाद 6 और 7 सितंबर के बीच की रात में लगभग 1:40 बजे विक्रम लैंडर का चंद्रमा की ओर उतरना शुरू होगा और 15 मिनट में 1:55 बजे विक्रम लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर दो क्रैटर मैंजिनस सी और सिंप्लीयस एन के बीच उतरेगा। 

 

लैंडिंग के दो घंटे (3:55 बजे) बाद लैंडर से रैंप बाहर निकलेगा। 5:05 बजे रोवर के सोलर पैनल खुलेंगे। 7 सितंबर को सुबह 5:10 मिनट पर चलना शुरू करेगा और 45 मिनट के बाद 5:55 बजे रोवर चंद्रमा पर उतर जाएगा। रोवर के चंद्रमा पर उतरते ही वह लैंडर और लैंडर रोवर की सेल्फी लेगा जो उसी दिन 11 बजे के आसपास हमारे लिए उपलब्ध होगी।