मुंबई: पूरी रात इसरो वैज्ञानिकों के साथ बिताने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गणेशोत्सव  में हिस्सा लेने के लिए मुंबई पहुंचे। जहां उन्होंने कई परियोजनाओं  की शुरुआत की है। लेकिन इस दौरान भी उनके दिमाग में रात की घटनाएं ही घूमती रहीं। 

प्रधानमंत्री ने संबोधन में चंद्रयान -2 मिशन का जिक्र करते हुए वैज्ञानिकों की बेहद तारीफ की। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत का चांद पर पहुंचने का सपना साकार होकर रहेगा। पीएम ने कहा कि  'अपने लक्ष्य के लिए कैसे दिन रात एक कर दिया जाता है। कैसे विपरीत से विपरीत परिस्थिति में भी, बड़ी से बड़ी चुनौती में भी पूरी तन्मयता के साथ हम अपने लक्ष्य को पाने के लिए जुटे रह सकते हैं, यह हम इसरो के वैज्ञानिकों से सीख सकते हैं। इसरो वैज्ञानिकों ने जो हौसला दिखाया है, उसे देखकर मैं बहुत प्रभावित हूं। '

पीएम ने आगे कहा कि 'किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास करने वाले तीन तरह के लोग होते हैं। सबसे निचले स्तर पर वे होते हैं जो रुकावटों के डर से कभी काम की शुरुआत नहीं करते। मध्य स्तर पर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो काम तो शुरू कर देते है पर रुकावट आते ही भाग जाते हैं। सबसे ऊंचे स्तर पर वे लोग पहुंचते हैं जो लगातार रुकावट के बावजूद निरंतर प्रयास करते हैं और अपने लक्ष्य को प्राप्त करके ही दम लेते हैं। इसरो वैज्ञानिक इसी स्तर के लोग हैं।एक रुकावट आज हमने देखी है लेकिन इसरो के वैज्ञानिक तब तक नहीं रुकेंगे जब तक मंजिल तक नहीं पहुंच जाते। चांद पर पहुंचने का सपना पूरा होकर रहेगा।'

अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने मुंबई में 19 हजार करोड़ रुपये की लागत वाले तीन और मेट्रो कॉरिडोर्स की आधारशिला रखी और भारत अर्थ मूवर्स द्वारा निर्मित मेक इन इंडिया मेट्रो कोच का भी उद्धाटन किया।

प्रधानमंत्री ने बताया कि 'आज जब देश 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है, तब हमें अपने शहरों को भी 21वीं सदी की दुनिया के अनुसार ही बनाना होगा। इसी सोच के साथ हमारी सरकार अगले 5 साल में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।'