नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.35% घटाकर 5.40% कर दिया जबकि  रिवर्स रेपो रेट 5.15% किया गया है। यह लगातार चौथी बार है, जब आरबीआई ने रेपो रेट घटाया है। इसमें अबतक एक फीसदी से ज्यादा की कटौती हो चुकी है। रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने तीन दिन तक बैठक करने के बाद रेपो रेट में इस कटौती का फैसला किया है। 

रेपो रेट अब तक 5.75 प्रतिशत था, जो सितंबर 2010 के बाद से अभी तक इसका सबसे निचला स्तर था। लेकिन अब 0.35 फीसदी कम होने के बाद 5.40 हो गया है। 

यह लगातार चौथा मौका है जब ब्याज दर घटाई गई हैं। इससे पहले की पिछली तीन बैठकों में भी एमपीसी रेपो रेट में चौथाई-चौथाई फीसदी की कटौती कर चुकी है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019 के लिए जीडीपी ग्रोथ लक्ष्य भी घटाया है। 

ब्याज दरें (रेपो रेट) के कम होने का अर्थ यह है कि अब बैंक जब भी आरबीआई से पैसे लेंगे, उन्हें नई घटी हुई दर पर फंड मिलेगा।  सस्ती दरों पर बैंकों को मिलने वाले फंड का फायदा बैंक अपने उपभोक्ता को भी देंगे। 

रिजर्व बैंक के इस कदम का लाभ आम लोगों तक सस्ते कर्ज और कम हुई ईएमआई के रुप में पहुंचेगा। जब भी रेपो रेट घटता है तो उपभोक्ता के लिए कर्ज लेना सस्ता हो जाता है। इसके अलावा जो फ्लोटिंग कर्ज की ईएमआई भी घट जाती है। 

 इसके अलावा, जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को 7% से घटाकर 6.9% कर दिया गया है।