सुप्रीम कोर्ट ने महात्मा गांधी की हत्या की फिर से जांच कराने की मांग को लेकर दाखिल पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अपने ही फैसले को पलटने का कोई आधार नजर नहीं आ रहा है।

कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका में किये गए इस दावे को भी मानने से इंकार कर दिया कि नए दस्तावेज और साक्ष्य इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे। यह फैसला न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने दिया है। पीठ ने फैसले में कहा कि हमने पुनर्विचार याचिका और इसके साथ दायर कागजात पर ध्यानपूर्वक गौर किया है। हमें ऐसे विचारार्थ स्वीकार करने का कोई आधार नहीं मिला है।

इसलिये पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है। बता दें कि यह याचिका मुंबई के शोधकर्ता पंकज फड़नीस ने दायर की थी। याचिका में कुछ पुस्तकों को पढ़ने और गांघी की घायलावस्था की तस्वीरों की फॉरेंसिक रिपोर्ट देखकर गांधी की हत्या की नए सिरे से जांच की जरूरत पर फैसला करने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने 28 मार्च 2018 को गांधी हत्याकांड की फिर से जांच कराने के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था। गांधी की 30 जनवरी 1948 को हत्या कर दी गई थी और नौ आरोपियों के खिलाफ साजिश तथा हत्या के मामले में सुनवाई हुई थी। निचली अदालत ने 10 फरवरी 1949 को सात को दोषी ठहराया था और एक को बरी किया था। जबकि एक फरार है।