नई दिल्ली। ओडिशा में बुलबुल तूफान ने भारी तबाही मचाई है। यही नहीं बुलबुल ने पश्चिम बंगाल में अपना डाला है। ओडिशा में तूफान के कारण भारी बारिश हो रही है। हालांकि पहले से ही 15 तटवर्ती जिलों को इसके प्रभाव में आने की बात कही जा रही थी। लिहाजा तूफान के कारण राज्य में तेज बारिश के साथ पड़े उखड़ गए और सड़कें टूट गई।

चक्रवाती तूफान बुलबुल ने ओडिशा के ज्यादातर जिलों में भारी तबाही मचाई है। तूफान के कारण तटीय इलाकों में भारी बारिश हुई। जिसके कारण जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया। इन जिलों में तेज बारिश के साथ ही तेज हवाएं चल रही है। जिसके कारण पेड़ उखड़ गए हैं और सड़कें टूट गई हैं। जिसके कारण लोगों को आने जाने में दिक्कत हो रही हैं। हालांकि मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट कर दिया था। जिसके बाद राज्य का राहत आपदा विभाग पहले से ही सतर्क था।

जिसके कारण तटीय इलाकों को अलर्ट कर दिया गया था और मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत दी गई थी। फिलहाल शक्तिशाली चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' का केन्द्र ओडिशा का भद्रक जिला था। इस तूफान के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। वहीं पश्चिम बंगाल के कोलकाता से विमानों की आवाजाही रोक दी गई थी। वहीं आज पीएम नरेन्द्र मोदी ने राज्य की सीएम ममता बनर्जी से बातचीत की। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि तूफान भारतीय सीमा से बांग्लादेश की तरफ बढ़ रहा है।  

वहीं विभाग ने कहा कि शुरुआत में काफी तेज गति से आने वाला ये तूफान समय के साथ धीरे-धीरे कम होता जाएगा। जानकारी की मुताबिक इस तूफान के कारण ओडिशा के भद्रक जिले में कालीभांजा डीहा द्वीप के पास नाव डूब जाने से आठ मछुआरे फंस गए थे। जिन्हें रैपिड ऐक्शन फोर्स ने बचा लिया है। वहीं जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और भद्रक जिलों में कई स्थानों में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। राज्य के  जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, बालासोर और भद्रक जिलों में हवाएं 70-80 किलोमीटर प्रति घंटे से चल रही हैं। इसके साथ ही बारिश हो रही है। जिसके कारण राहत कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।