प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा है कि पीएम की कुर्सी रहे या न  रहे लेकिन उन्होंने फैसला कर लिया है कि या तो वह जिंदा रहेंगे या आतंकवादी। पीएम मोदी ने गुजरात के पाटण में यह बात कही। 

पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान एक बार फिर पुलवामा हमले का जिक्र किया। पीएम ने 26/11 के मुंबई हमले और पुलवामा हमले के बाद दोनों सरकारों के रुख की तुलना करते हुए पूछा कि क्या मुझे भी तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह की तरह निंदा करके चुप बैठ जाना चाहिए था। 

पीएम ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ हमारा रुख साफ है। पांच साल में यह दिखा है। पीएम मोदी ने बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी वायुसेना के हमले और विंग कमांडर अभिनंदन के पीओके में फंस जाने का भी जिक्र किया। 

पीएम ने कहा, पाकिस्तान को अंदाजा भी नहीं था कि क्या होगा। उन्होंने कहा, एनसीपी नेता शरद पवार कहते हैं कि मुझे नहीं पता कि मोदी क्या करेंगे। अगर उन्हें नहीं पता कि मोदी कल क्या करेंगे तो इमरान खान को कैसे पता होगा? 

उन्होंने कहा, पाकिस्तान को दो टूक कह दिया था कि अगर हमारे पायलट को खंरोच भी आई तो फिर दुनिया को मत कहना कि मोदी ने ये कर दिया। पीएम ने कहा कि पाकिस्तान को अमेरिका ने भी बता दिया था कि अगर वह भारतीय पायलट अभिनंदन वर्धमान को नहीं लौटाएगा तो उसके लिए ये ‘कत्ल की रात’ होगी। भारत ने मिसाइल हमले का इरादा कर लिया है। यही वजह था कि पाकिस्तान ने तुरंत भारत के बहादुर पायलट को लौटा दिया।

पीएम ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी भावी रणनीति का इशारा देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की कुर्सी रहे या ना रहे, लेकिन उन्होंने फैसला किया है कि या तो वह जिंदा रहेंगे या आतंकवादी जिंदा बचेंगे।

उन्होंने गुजरात की जनता से लोकसभा चुनाव की सभी 26 सीटों पर भाजपा को जिताने की अपील करते हुए कहा, ‘मेरे गृह राज्य के लोगों का कर्तव्य है कि ‘धरती के पुत्र’ की देखभाल करें, गुजरात में सभी 26 सीटें मुझे दीजिए।’ पीएम ने कहा, ‘मेरी सरकार सत्ता में वापस आएगी लेकिन अगर गुजरात ने भाजपा को 26 सीटें नहीं दी तो 23 मई को टीवी पर चर्चा होगी कि ऐसा क्यों हुआ ।’