यौन उत्पीड़न की घटनाओं का स्पष्ट विरोध करते हुए गिल्ड ने सार्वजनिक बहस में इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने का साहस दिखाने वाली महिला पत्रकारों की प्रशंसा की और उनके साथ एकजुटता प्रकट की।

‘मी टू’अभियान के तहत यौन उत्पीड़न को लेकर रोजाना हो रहे सनसनीखेज खुलासों के बीच एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मंगलवार को यौन उत्पीड़न की शिकार महिला पत्रकारों का पुरजोर समर्थन करते हुए मीडिया संस्थानों से ऐसे सभी मामलों में बिना भेदभाव के जांच करने को कहा है।

गिल्ड ने एक बयान में कहा कि यौन उत्पीड़न के दोषी पाए गए किसी भी शख्स को कानून के हिसाब से दंडित किया जाना चाहिए। देश में प्रेस की आजादी के लिए निष्पक्ष, न्यायोचित और सुरक्षित कार्य वातावरण जरूरी है। यौन उत्पीड़न की घटनाओं का स्पष्ट विरोध करते हुए गिल्ड ने सार्वजनिक बहस में इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने का साहस दिखाने वाली महिला पत्रकारों की प्रशंसा की और उनके साथ एकजुटता प्रकट की।

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उसने महिला पत्रकारों के साथ कथित यौन उत्पीड़न के वाकयों पर चिंता भी प्रकट की। गिल्ड ने कहा, ‘जब यौन उत्पीड़न करने वाला पेशे के लिहाज से वरिष्ठ पद पर हो तो स्थिति और बदतर हो जाती है।’ 

मीडिया संस्थानों से यौन उत्पीड़न के सामने आये सभी मामलों में पूरी जांच करने की जरूरत बताते हुए गिल्ड ने कहा कि आंतरिक प्रक्रिया को मजबूत करना जरूरी है जिसमें कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाए और जागरुकता बढ़ाई जाए। ‘मी टू अभियान’ के तहत सोशल मीडिया पर कई महिला पत्रकारों ने भी यौन उत्पीड़न की घटनाओं को साझा किया है।