मई 2016 के पहले सप्ताह में यह घटना नौसेना के वाइस एडमिरल के आवास पर शाम के समय घटी थी। आरोपी अधिकारी और महिला डॉक्टर वाइस एडमिरल के आवास पर चिकित्सीय मदद के लिए पहुंचे थे।
देश भर में #MeToo अभियान के तहत हो रहे यौन उत्पीड़न के खुलासों के बीच नौसेना के एक अधिकारी को एक महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ का दोषी पाया गया है। जनरल कोर्ट मार्शल ने उन्हें सजा की सिफारिश कर दी है। छेड़छाड़ की यह घटना एक वाइस एडमिरल के आवास पर हुई थी। उक्त महिला डॉक्टर और आरोपी अधिकारी वाइस एडमिरल के आवास पर उनकी मां का इलाज करने के लिए गए थे।
सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया, 'नौसेना के जनरल कोर्ट मार्शल ने आईपीसी के सेक्शन 354 ए (2) और 509 के तहत आरोपी वरिष्ठ अधिकारी को महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ करने का दोषी पाते हुए उनकी वरिष्ठता चार साल घटाने की सिफारिश की है। नौसेना द्वारा जनरल कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया पिछले महीने पूरी कर ली गई।'
जनरल कोर्ट मार्शल की अगुवाई कोमोडोर रैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने की, जो नई दिल्ली में साउथ ब्लॉक के पास आईएनएस इंडिया में तैनात हैं।
मई 2016 के पहले सप्ताह में यह घटना नौसेना के वाइस एडमिरल के आवास पर शाम के समय घटी थी। आरोपी अधिकारी और महिला डॉक्टर वाइस एडमिरल के आवास पर चिकित्सीय मदद के लिए पहुंचे थे।
एक वरिष्ठ वाइस एडमिरल के आधिकारिक आवास पर घटना होने के बावजूद न तो वह और न ही उनकी मां बोर्ड ऑफ इनक्वायरी अथवा जनरल कोर्ट मार्शल के समक्ष सवाल-जवाब के लिए पेश हुए, जबकि वे इस घटना के गवाह थे।
इस घटना के दौरान आरोपी अधिकारी आईएनएस इंडिया में तैनात था। यह राजधानी दिल्ली में नौसैन्य प्रतिष्ठान और प्रशासनिक कार्यालय है। आरोप था कि जब युवा डॉक्टर वाइस एडमिरल के आवास में बने बाथरूम में गईं तो उनके यौन उत्पीड़न की कोशिश की गई।
आरोपी अधिकारी भी नौसेना में काफी हाई प्रोफाइल था और पूर्व में अपनी सेवाओं के लिए कई सर्विस अवार्ड्स प्राप्त कर चुका है। इस बीच नौसेना के अधिकारियों ने कहा है कि एक वरिष्ठ अधिकारी के रिश्तेदार को घर पर इलाज देने के लिए महिला समेत दो अधिकारियों की तैनाती की इजाजत दी जा सकती है।
जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा जिस अधिकारी को दोषी ठहराया गया है उसने खुद के निर्दोष होने की बात कही है।
Last Updated Nov 2, 2018, 5:27 PM IST