प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी का दौरा किया। उन्होंने जिले के मयनागुड़ी इलाके में एक जनसभा की और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि आप चाय उगाने वाले हैं और मैं चाय बनाने वाला, लेकिन ममता दीदी पता नहीं क्यों हम जैसे चायवालों से चिढ़ती हैं। 

पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ईश्वर और महापुरुषों को याद करते हुए कहा कि ‘इस क्षेत्र को महादेव भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त है। उनके चरणों में नमन करता हूं। यह भूमि हमारी जनजातियों के लिए काम करनेवाले ठाकुर पंचानन धर्मा की कर्मस्थली रही है। यह धरती नेपाली भाषा के आदि कवि भानुभक्त आचार्य की भी कर्मस्थली रही है। सभी को नमन करता हूं’।

विकास की उद्घोषणा
‘साथियों, अब से थोड़ी देर पहले करीब दो हजार रुपये की लागत से बनने वाले नेशनल हाइवे की फोरलेनिंग का शिलान्यास हुआ। इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही सिलीगुड़ी आना-जाना आसान हो जाएगा। आपका जीवन आसान बनाने के लिए इन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए सरकार काम कर रही है’। 
‘भाइयों व बहनों, आज आपकी दशकों पुरानी एक और मांग पूरी हुई है। कोलकाता हाईकोर्ट की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच का उद्घाटन हुआ है। इससे इस क्षेत्र के सभी लोगों को फायदा होगा। इसके लिए सभी को बधाई देता हूं। अब आपको हाईकोर्ट के काम के लिए कोलकाता नहीं जाना पड़ेगा’।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बनाया निशाना
पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर व्यंग्य करते हुए कहा कि ‘आखिर चाय वाले से दीदी को इतनी चिढ़ क्यों है। जबकि यहां की पहचान की चाय के लिए है। यहां की कानून-व्यवस्था की स्थिति कितनी बदतर हो गई है। यहां का युवा पलायन के लिए मजबूर है। सिंचाई परियोजनाएं लटकी हुई हैं। और, ऐसा हाल बनाने के बावजूद भी उनको कोई परवाह नहीं है। प. बंगाल की सरकार ने माटी को बदनाम कर दिया है और मानुष को मजबूर कर दिया है’। 

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अपनी विकास योजनाओं का किया प्रचार
‘साथियों उत्तर बंगाल थ्री टी के लिए काफी प्रसिद्ध रहा है। टिंबर, टी और टूरिज्म। इन तीनों के विकास पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। इसके पहले की सरकारों ने इन पर कोई काम नहीं किया। 
‘भाइयों व बहनों, केंद्र की एनडीए सरकार की नीयत है- सबका साथ सबका विकास। यही कारण है कि यहां के चाय बागानों को हमारी सरकार ने खुलवाया। चायबागान के मजदूरों के खाते खुलवाए गए। मजदूरों के परिवारों के लिए एक बहुत बड़ी योजना हमारी सरकार ने बनाई है। ऐसी योजना आजादी के बाद से आज तक नहीं बनी। अब चाय बागानों में काम करनेवालों के परिवारों को भी पेंशन मिलेगी’। 
‘असंगठित मजदूरों को साठ वर्ष की उम्र के बाद तीन हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन की व्यवस्था उनकी सरकार ने की है। इसके लिए औसतन सौ रुपये का अंशदान हर माह देना होगा। जितना अंशदान मजदूर भाई देंगे, उतना ही केंद्र सरकार भी उनके खाते में डाल देगी’।
‘सरकार गरीबों को हर वह सुविधा केंद्र सरकार देने की कोशिश कर रही है, जो अभी तक नहीं मिली। प्रधानमंत्री जीवनज्योति योजना और दुर्घटना बीमा योजना हमारी सरकार चला रही है। संकट की घड़ी में यह बीमा गरीबों के बहुत काम आ रहा है’।

चिटफंड घोटालों की याद दिलाते हुए विपक्ष पर हमला
उन्होंने कहा कि आज वो पूरी तरह से मोदी से त्रस्त है, तो पूरी तरह से भ्रष्ट है. दलालों की सोच, महान मिलावट की सोच को मोदी की कभी सफल नहीं होने देगा. इस महामिलावट का अपना कोई विजन नहीं हैं, देश को लेकर अपनी कोई नीति नहीं है. मैं चिटफंड घोटाले के एक-एक पीड़ित को विश्वास दिलाता हूं कि आपको इस स्थिति में पहुंचाने वालों को कानून के दरवाजे तक पहुंचाया जायेगा. आखिर ममता दीदी चिटफंड घोटाले की जांच से आप इतना क्यों डरी हुई हैं? क्यों जिन लोगों पर जांच में लापरवाही बरतने का आऱोप है, उनके लिए धरना दे रही हैं ?

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तीन तलाक के कानून को नहीं हटाने दिया जाएगा
पीएमने कहा कि ‘महिला अधिकारों पर झूठ बोलने वाली कांग्रेस ने अपनी असली सच्चाई भी देश के सामने रख दी है। तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस किस हद तक जा सकती है, ये भी उसने कल फिर बता दिया है। कांग्रेस ने अब खुलकर कह दिया है कि वो तीन तलाक पर बन रहे कानून का विरोध करती है। राजीव गांधी के समय, शाह बानो केस में कांग्रेस ने जो गलती की थी, अब वही गुनाह उसने कर दिया है’।
‘वो भूल गई है कि तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को कितने बुरे दौर से गुजरना होता है, कितने संकटों से गुजरना होता है, लेकिन तुष्टिकरण के लिए किसी भी हद से गुजरने वाली कांग्रेस ने, न सिर्फ तीन तलाक कानून को संसद में रोका, बल्कि उसे अब खत्म करने की भी बात करने लगी है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि तीन तलाक के कानून को नहीं हटाने दिया जाएगा’।

जलाई-मधाई चला रहे हैं सरकार
पीएम मोदी ने कहा कि टीएमसी सरकार की तमाम योजनाओं के नाम पर बिचौलियों का अधिकार है। दीदी, दिल्ली जाने के लिए परेशान हैं और बंगाल के गरीब और मध्यम वर्ग को सिंडिकेट के गठबंधन से लुटने के लिए छोड़ दिया है। आज स्थिति ये है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तो दीदी हैं, लेकिन दादागिरी किसी और की चल रही है, शासन TMC के ‘जगाई-मधाई’ चला रहे हैं।

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राजनीतिक हत्याओं पर उठाए सवाल
पीएम ने बंगाल में ममता सरकार के समय में हुई राजनीतिक हत्याओं पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘पश्चिम बंगाल में मां, माटी, मानुष के नाम पर जिनको आपने सत्ता दी, जिनको कम्युनिस्टों के कुशासन से मुक्ति दिलाने का जिम्मा दिया, उन्होंने वही खून-खराबे का पॉलिटिकल कल्चर अपना बना लिया है। जगाई-मधाई का ये गठजोड़ टूटना चाहिए कि नहीं ? पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर जो दशकों से चल रहा है, वो खत्म होना चाहिए या नहीं? बंगाल के युवाओं को खून-खराबे से आज़ादी मिलनी चाहिए या नहीं?

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पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री मोदी की एक हफ्ते में यह तीसरी रैली है। उन्होंने शुक्रवार दोपहर रायगढ़ के कोड़ातरई में जनसभा को संबोधित किया।