कोलकाता। पश्चिम बंगाल में राखी का त्योहार मनाने से पहले राजनीति शुरू हो गई है।  राज्य में भाजपा और टीएमसी के बीच राखी वार छिड़ा हुआ है। रक्षाबंधन के लिए बाजारों में जय श्रीराम, जय बंगाल, मोदी-ममता की राखियां बिक रही हैं। राज्य में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के समर्थक इसके जरिए जनता का साधने की कोशिश कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच सत्ता की चरम पर है। लोकसभा चुनाव के बाद तो ये लड़ाई और तेज हो गई है क्योंकि राज्य में भाजपा ने 18 सीटों को जीत कर टीएमसी को चौंका दिया था। राज्य में 2021 में चुनाव होने वाले हैं और इस सत्ता की लड़ाई में जनता को साधने की कोशिश टीएमसी और भाजपा दोनों कर रही हैं।

पिछले दिनों भाजपा के जय श्री राम के उदघोष के बाद टीएमसी ने राज्य जय बंगाल का नारा देना शुरू कर दिया था। राज्य में दुर्गा पूजा को लेकर भी दोनों राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष तेजी से बढ़ रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दुर्गा पूजा की समितियों पर आयकर विभाग के नोटिस को राजनैतिक मुद्दा बना दिया है। जबकि भाजपा का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है। क्योंकि इन समितियों को नोटिस नहीं दिया गया है और आज सीबीडीटी ने इन आरोप को भी खारिज कर दिया है।

वही 15 अगस्त को मनाए जाने वाले राखी के त्योहार को लेकर दोनों दलों ने त्योहार का राजनीतिकरण कर दिया है। बाजार में दुकानों में जयश्री राम और ममता और मोदी की तस्वीरों वाली राखियां बिक रही हैं। जिसके जो समर्थक हैं वह उसे खरीद रहा है। लेकिन त्योहार के इस तरह के राजनीतिकरण के लिए आम लोग भी नाराज हैं। हालांकि लोगों का ये कहना है कि अभी तक राखी के त्योहार को बंगाल में इस स्तर पर नहीं मनाया जाता था।

लेकिन इस साल बाजार में रौनक दिख रही है। रक्षाबंधन को लेकर पश्चिम बंगाल के बर्धवान में ममता और मोदी राखी की धूम है और इस राखी वॉर में भी लोग सिर्फ इन्हीं दोनों के नाम की राखी खरीदना पसंद कर रहे हैं। राज्य में लोग जय श्री राम वाली राखी खरीद रहे हैं तो वहीं ममता की पार्टी के समर्थक जय बांग्ला वाली राखी को पसंद कर रहे हैं। बाजार में मोदी राखी और ममता राखी की कीमत 10 रुपये से लेकर 45 रुपये तक है।