शिवसेना नेता ने कहा, ‘दस्तावेज तैयार करने...अध्यादेश लाने में कितना वक्त लगता है? राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक भाजपा की सरकार है। राज्यसभा में ऐसे बहुत से सांसद हैं जो राम मंदिर के साथ खड़े रहेंगे।'
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के यहां आने से एक दिन पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने शुक्रवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से पूछा है कि वह राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश में लाने में देरी क्यों कर रही है।
राउत ने यहां कहा, ‘हमने बाबरी मस्जिद 17 मिनट में गिरा दी गई थी....जो जरूरी था वह राम भक्तों ने आधे घंटे में कर दिया था...वर्षों से धब्बा रही चीज गिरा दी गई।’
शिवसेना नेता ने कहा, ‘दस्तावेज तैयार करने...अध्यादेश लाने में कितना वक्त लगता है? राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक भाजपा की सरकार है। राज्यसभा में ऐसे बहुत से सांसद हैं जो राम मंदिर के साथ खड़े रहेंगे।' इससे पहले, शिवसेना ने शुक्रवार को भाजपा से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने और तारीख की घोषणा करने के लिए कहा।
Humne 17 minute mein Babri tod di, to kanoon banane mein kitna time lagta hai?Rashtrapati Bhawan se lekar UP tak BJP ki sarkar hai. Rajya Sabha mein aise bahot sansad hai jo Ram mandir ke saath khade rahenge,jo virodh karega uska desh mai ghumna mushkil hoga:Sanjay Raut,Shiv Sena pic.twitter.com/62zlo0eZJ5
— ANI (@ANI) November 23, 2018
शिवसेना प्रमुख उद्धव कल अयोध्या आने वाले हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की हिंदूवादी संगठनों की मांग के बीच उद्धव की यह यात्रा होने वाली है। भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में लिखा कि वह चुनाव के दौरान न तो भगवान राम के नाम पर वोटों की भीख मांगती है और न ही जुमलेबाजी करती है।
पार्टी ने अपने मुखपत्र के संपादकीय में लिखा, ‘हमारे अयोध्या दौरे को लेकर खुद को हिंदुत्व समर्थक कहने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? हम राजनीतिक मकसद से वहां नहीं जा रहे हैं।'
संपादकीय के मुताबिक, ‘सत्ता में बैठे लोगों को शिवसैनिकों पर गर्व होना चाहिए जिन्होंने रामजन्मभूमि में बाबर राज को खत्म कर दिया।’
शिवसेना ने दावा किया कि उसने 'चलो अयोध्या' का नारा नहीं दिया है। उसने कहा, 'अयोध्या किसी की निजी जगह नहीं है। शिवसैनिक वहां भगवान राम के दर्शन करने जा रहे हैं।'
संपादकीय में ये भी लिखा गया है, 'अयोध्या में अब रामराज नहीं सुप्रीम कोर्ट का राज है। 1992 में बालासाहेब के शिवसैनिकों ने रामजन्मभूमि में बाबर राज को तबाह कर दिया था। फिर भी सत्ता में बैठे लोग उन शिवसैनिकों पर गर्व करने के बजाय उनसे डर और जलन महसूस कर रहे हैं। अयोध्या जा रहे शिवसैनिकों पर तोहमत लगाने की जगह सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तारीख बताकर संदेह खत्म करना चाहिए।'
संपादकीय में कहा गया है कि 'आप राम मंदिर के निर्माण की तारीख क्यों तय नहीं कर रहे हैं? अगर मंदिर निर्माण का मु्द्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोजी-रोटी के अलावा कई लोगों की जुबान बंद हो जाएगी।' विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा का आयोजन भी रविवार को किया गया है जिसमें करीब एक लाख लोगों के आने की संभावना है ।
Last Updated Nov 23, 2018, 11:44 PM IST