बंगाल सरकार के 'शहीद दिवस' कार्यक्रम के बाद भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में 15,000 से ज्यादा टीएमसी, कांग्रेस और आरएसपी कार्यकर्ता होंगे पार्टी में शामिल।
बंगाल में भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में बड़ी सेंध लगाई है। एक तरफ ममता बनर्जी सरकार राज्य में 'शहीद दिवस' मना रही है। वहीं इसके तुरंत बाद 15,000 से ज्यादा टीएमसी और कांग्रेस के कार्यकर्ता और जिलाध्यक्ष तथा रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य भाजपा में शामिल होने की तैयारी में हैं।
टीएमसी में भाजपा में आए मुकुल रॉय इन तीनों दलों में लग रही सेंध के सूत्रधार हैं। विपक्षी खेमे में इतनी बड़ी सेंधमारी के बारे में पूछे जाने पर रॉय ने 'माय नेशन' को बताया कि 15,000 से ज्यादा कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। बलूरघाट में होने वाले इस कार्यक्रम में भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल होंगे।
वहीं भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष मालदा में इसी तरह के कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। इसमें टीएमसी के सैकड़ों कार्यकर्ता भाजपा में शामिल होंगे। इसके बाद ये लोग भी बलूरघाट में मुकुल रॉय के साथ होंगे।
बंगाल में सत्ताधारी और पूर्व में सत्ता में रही पार्टी से इतने बड़े पैमाने पर कार्यकर्ताओं के निकलने को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके भाजपा राज्य में तृणमूल की मुख्य प्रतिद्वंद्वी के तौर पर खड़ी नजर आ रही है। खास बात यह है कि भाजपा ने ममता के किले में यह सेंध तब लगाई है, जब वह राज्य में 'शहीद दिवस' मना रही हैं।
हालांकि 21 फरवरी को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को ही ज्यादातर बांग्ला भाषी लोग शहीद दिवस के तौर पर जानते हैं, क्योंकि यह बांग्लादेश और बंगाल दोनों से संबंद्ध है।
वहीं टीएमसी और कांग्रेस 21 जुलाई को शहीद दिवस के नाम से याद करती है। 1993 में इस दिन सीपीएम के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार ने अविभाजित कांग्रेस के प्रदर्शनकारियों के गोलियां चलवा दी थीं। इसमें 13 राजनीतिक कार्यकर्ता मारे गए थे। 1960 में नक्सलवाद के उत्थान और पतन के समय से बंगाल देश में राजनीतिक हिंसा के लिहाज से सबसे संवेदनशील राज्यों में से एक रहा है।
Last Updated Jul 21, 2018, 6:44 PM IST