अहमदाबाद। कोरोना महामारी के बीच गुजरात में करीब 30 हजार दुल्हे कुंवारे ही रह गए। शादी ने होने के कारण राज्य में शादी उद्योग को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। लेकिन अब  क्या करे गर्मी और शादी की तारीख न होने के कारण कुंवारों को फिलहाल इंतजार करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक केन्द्र सरकार द्वारा घोषित कोरोना लॉकडाउन के कारण पिछले दो महीनों में लगभग 30 शादियां रद्द हुई या फिर उन्हें स्थगित करना पड़ा।

देश में मार्च 25 से केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था। जिसके बाद  देश के साथ ही गुजरात में एक साल एकत्रित होने पर प्रतिबंध लग गया था। जिसके कारण राज्य में शादियों पर ग्रहण लग गया। केन्द्र सरकार के सख्त नियमों के तहत एक स्थान पर लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध था। जिसके कारण शादियों को स्थगित करना पड़ा था। होटल और रेस्तरां एसोसिएशन (गुजरात) के प्रवक्ता अभिजीत देशमुख ने कहा कि राज्य भर में कम से कम 30,000 शादियों को पिछले दो महीनों में बंद या स्थगित कर दिया गया है।

मार्च और अप्रैल को शादियों का पीक सीजन माना जाता है और इस दौरान राज्य ही नहीं पूरे देश में अधिकतम शादियां होती हैं। मौसम गुलाबी होने कारण लोग इस मौसम में शादी करने को प्राथमिकता देते हैं। वेडिंग प्लानर देवांग शाह ने कहा कि हालांकि लोगों ने लॉकडाउन के बावजूद आठ से 10 करीबी रिश्तेदारों की मौजूदगी में शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया। गुजरात में विदेशों से भी  लोग शादी कराने के लिए के लिए आते हैं और इसके लिए ये लोग लाखों रुपये शादी में खर्च करते हैं।

लेकिन इस बार लॉकडाउन को कारण प्रवासी शादी के लिए नहीं आए और शादी उद्योग को जबरदस्त नुकसान पहुंचा। वेडिंग प्लानर के मुताबिक अब लोग शादी के लिए दिसंबर और जनवरी के मौसम का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि उनका कहनाा है कि लोगों के पास केवल 50 मेहमानों के साथ एक छोटा समारोह आयोजित करने का विकल्प है लेकिन बहुत कम इस तरह के आयोजनों को आयोजित कर रहे हैं।

वहीं सरकार के मास्क पहनने के आदेश के बाद मास्क पहनकर कैसे लोग फोटो खिलाएंगे। लिहाजा अब लोगो अगले सीजन का इंतजार कर रहे हैं।  उनका कहना है कि कुछ जोड़ों ने शादी के लिए कोर्ट मैरिज का विकल्प चुना और फैसला किया कि वह बाद में इसके लिए शादी समारोह  का आयोजन करेंगे।