मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने 24 साल पुराने 1992 हुए सिक्योरिटीज़ घोटाले में फैसला सुना दिया है। अदालत इस मामले 5 लोगों को दोषी ठहराते हुए सज़ा का ऐलान कर दिया है।

अदालत ने तीन आरोपियों गोपाल शंकर अय्यर, पी चंद्रशेखर और शेयर दलाल पल्लव सेठ को बरी कर दिया। इस घोटाले में बैंक के कई सीनियर अधिकारी भी शामिल थे।

न्यायमूर्ति फंसलकर-जोशी की अदालत ने जिन लोगों को सज़ा सुनाई है उनमें फाइनेंशियल फेयरग्रोथ सर्विसेज लिमिटेड के आर. लक्ष्मीनारायण और एस. श्रीनिवास, आंध्र बैंक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के थेरियन चाको, वाई सुंदरा बाबू और आर. कल्याण रमन के नाम शामिल हैं।

स्पेशल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘उन्होंने (दोषी) जुलाई 1991 और मई 1992 के बीच जानबूझकर एफएफएसएल और एबीएफएसएल के बीच फ़र्जी ट्रांजेक्शन को अंजाम दिया

अदालत ने उस समय एफएफएसएल के कार्यकारी निदेशक लक्ष्मीनारायणन और वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीनिवासन को तीन साल की सज़ा सुनाई। वहीं एबीएफएसएल के अधिकारियों को चार साल की सज़ा सुनाई गई है।

अदालत ने आरोपियों की उम्र के कारण उदारता बरतने की अपील को खारिज़ कर दिया। अदालत ने कहा कि उन्होंने जुलाई 1991 और मई 1992 के बीच जानबूझकर एफएफएसएल और एबीएफएसएल के बीच फर्जी ट्रांजेक्शन को अंजाम दिया और वह सज़ा के पात्र हैं।