सितंबर 2017 के बाद अगले 14 महीनों में रोजगार के कुल 79.16 लाख अवसर पैदा किए गए। ईपीएफओ ने कहा कि सितंबर 2017 से अक्टूबर 2018 के बीच उसकी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में इस दौरान करीब 79.16 लाख नए अंशधारक जुड़े।

रोजगार के मुद्दे पर अक्सर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने वाले विपक्ष को यह खबर थोड़ा चौंका सकती है। इस साल अक्टूबर के महीने में पिछले साल के मुकाबले तीन गुना ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। यानी संगठित क्षेत्र में नई नौकरियों की संख्या पिछले साल के अक्टूबर महीने के 2.81 लाख से करीब तीन गुना बढ़कर  8.27 लाख पर पहुंच गई हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने यह जानकारी दी है। 

ईपीएफओ के ‘पेरोल’ आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2017 के बाद अगले 14 महीनों में रोजगार के कुल 79.16 लाख अवसर सृजित किए गए। ईपीएफओ ने कहा कि सितंबर 2017 से अक्टूबर 2018 के बीच उसकी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में इस दौरान करीब 79.16 लाख नए अंशधारक जुड़े। इससे पता चलता है कि रोजगार के ये अवसर इन्हीं 14 महीने की अवधि में सृजित हुए।    

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हालांकि आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर 2018 तक की 13 महीने की अवधि में रोजगार सृजन 79.48 लाख के पूर्वानुमान की तुलना में 10.81 प्रतिशत कम रहा है। इसी तरह सितंबर 2018 महीने के लिए भी यह 9.73 लाख के पूर्वानुमान से 5.5 प्रतिशत कम रहा है।    सितंबर 2018 में अक्टूबर 2018 तक की 14 महीने की अवधि में रोजगार के सर्वाधिक अवसर सृजित हुए। रोजगार के सबसे कम 1.59 लाख अवसर मार्च 2018 में पैदा हुए।

अक्टूबर 2018 के दौरान बने अवसरों में सर्वाधिक 2.32 लाख अवसर 22-25 वर्ष के आयु वर्ग के लिए सृजित हुए। इनके बाद 18-21 वर्ष आयु वर्ग के लिए रोजगार के 2.22 लाख अवसर सृजित किए गए। संगठन ने कहा कि इस आकलन में अस्थायी कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं जिन्हें पूरे साल काम नहीं मिले।