समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से सांसद आजम की मुश्किलों में रोज इजाफा हो रहा है। आजम खान राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे हैं और सरकारी एजेंसियां आए दिन उनके खिलाफ मुकदमें दर्ज कर रही है। वहीं अब आजम खान की मुश्किलें और बढ़ने जा रही हैं।

क्योंकि आजम अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के रडार पर हैं। ईडी आजम पर दर्ज मुकदमों की पड़ताल कर रही है। लिहाजा माना जा रहा है कि जौहरविश्वविद्याल के लिए जमीन कब्जाने के मामले में ईडी जल्द ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सकती है।

आजम खां को भूमाफिया घोषित करने के बाद उन पर ईडी की नजर टेढ़ी हो गयी है। हालांकि ईडी ने इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं है। लेकिन ईडी स्थानीय स्तर पर आजम के बही खातों की जांच कर रहा है। ताकि जौहर विश्वविद्यालय के लिए हुए लेन देन की जानकारी मिल सके।

गौरतलब है कि रामपुर में आजम खान को भूमाफिया घोषित किया जा चुका है और रामपुर के अजीमनगर थाने में उनके खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा जमीन हथियाने के मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। फिलहाल जानकारी के मुताबिक ईडी ने रामपुर पुलिस से जमीनों पर अवैध कब्जों और अन्य सभी मामलों में दर्ज मुकदमों की प्रतियां मांगी हैं।

लिहाजा समझा रहा है कि जल्द ही ईडी भी आजम के खिलाफ कार्यवाही कर सकती है। असल में जौहर विश्वविद्याल को बनाने के लिए कई तरह के नियमों क दरकिनार किया गया था। हालांकि जिस वक्त विश्वविद्यालय का निर्माण किया जा रहा था, उस वक्त राज्य में सपा की सरकार थी।

आजम के खौफ के कारण सभी एजेंसियां आजम को क्लीन चिट देती रही। हालांकि ये भी माना जा रहा है कि विश्वविद्याल को बनाने के लिए धन के लिए भी ईडी जांच करेगी। शुरुआती जांच पड़ताल के बाद ईडी आजम खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सकती है। हालांकि इस बारे में ईडी के अधिकारी और रामपुर पुलिस कुछ भी बोलने से कतरा रही है। 

यही नहीं ईडी की जद में आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी भी आ सकती है। हाल में आजम खान पर रामपुर में अलग-अलग थानों में दर्जन भर से अधिक मुकदमे दर्ज किए गये हैं। वहीं उप्र कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष फैजल खान लाला ने जौहर विविद्यालय की बाउण्ड्रीवाल बनाकर ग्राम आलियागंज के किसानों की भूमि पर अवैध कब्जे किये जाने का आरोप लगाया है और उन्होंने इसके लिए राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है।