नई दिल्ली। कंगाल पड़ोसी देश पाकिस्तान अब गधों के जरिए अपनी माली हालत सुधारने की कोशिश कर रहा है। लिहाजा पाकिस्तान के गधों के मेलों में एके-47, परमाणु बम और रॉकेट लॉन्चर खुलेआम बिक रहे हैं। चौंकिए मत। ये सही खबर है। असल में परमाणु बम नहीं बल्कि गधों के नाम रखे गए हैं। लेकिन यहां पर माधुरी और शीला की भी बोली लग रही है।

पाकिस्तान में विश्व में तीसरा ऐसा देश हैं जहां पर गधों की आबादी सबसे ज्यादा है। यहां पर गधों को चीन समेत कई देशों में निर्यात किया जाता है। इससे जरिए पाकिस्तान सरकार को खासी आमदनी होती है। लिहाजा अब पाकिस्तान में गधों के मेले आयोजित किए जा रहा हैं।

जहां पर गधों को अलग अलग नाम दिए गए हैं ताकि इन नामों से खरीदार इन्हें खरीद सके। इन गधों के नाम एके-47, रॉकेट लॉन्चसर, परमाणु बम रखे गए हैं। यही नहीं माधुरी, शीला जैसे गधे भी मेले में बेचे जा रहे हैं। मेले में इन गधों की कीमत 20 हजार से लेकर 2 लाख रुपये तक है। 

पाकिस्ता न के हैदराबाद शहर से 70 किमी दूर बादिन जिले में गधों का मेला लगा है। ये विश्व स्तर पर गधों का लगने वाले बड़े मेलों में शुमार है। इस मेले में हिस्सा् लेने के लिए कराची, बादिन, थट्टा समेत सिंध के कई दूर दराज के जिलों में व्याकपारी आए हैं।

पाकिस्तादनी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मेले में गधों की कीमतें पिछले साल की तुलना में बढ़ गई हैं। हालांकि यहां पर देसी नस्ल के गधों की मांग ज्यादा है और इन्हें ज्यादा पसंद किया जा रहा है। बाजार में गधों की कीमत 2 लाख पाकिस्तानी रुपये तक है। पिछले दिनों पाकिस्तान सरकार ने चीन को और ज्यादा गधे निर्यात करने का फैसला किया था।

क्योंकि चीन में गधों की काफी मांग है और इसके जरिए वहां पर होम्योपैथी की दवाएं बनाई जाती हैं और सामान ढोने के लिए भी दूर दराज के इलाकों में गधों का इस्तेमाल किया जाता है। पाकिस्तान में गधों की आबादी 50 लाख से ज्यादा है। हालांकि गधों की आबादी के मामले में चीन पहले स्थान पर है। कुछ महीने पहले ही चीन ने पाकिस्तांन के खैबर पख्तूसनख्वाद प्रांत में गधों के प्रजनन के लिए 3 अरब डॉलर निवेश को तैयार है।