अखिलेश ने मुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित बंगले को आलिशान बनाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थ। बंगला छोड़ते समय अखिलेश ने उसमें जमकर तोड़-फोड़ की थी। उनकी तरफ से दलील दी गई थी जो सामान उन्होंने बंगले में लगाया था वो साथ ले जा रहे हैं। उनको बंगला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छोड़ना पड़ा था।


खबरों में तो यहां तक दिखा कि शिफ्ट होने के दौरान वो सरकारी बंगले के टाइल्स और टोंटी तक उखाड़कर साथ ले गए। मामले में नया खुलास ये हुआ है कि लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट में बंगले की छत से लेकर किचन, लॉन, बॉथरूम में तोड़फोड़ और टाइल्स निकाले जाने का जिक्र किया गया है। इसके अलावा बंगले में बना जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, बैडमिंटन कोर्ट और साइकल ट्रैक तोड़ दिया गया था। 


पीडब्ल्यूडी की पड़ताल में पता चला है कि अखिलेश ने विक्रमादित्य मार्ग पर मौजूद इस बंगले में तमाम निर्माण कार्यों पर साढ़े पांच करोड़ रुपये रुपये से ज्यादा खर्च किए। इसमें से 467.86 लाख रुपये के निर्माण कार्य अवैध रुप से किए गए थे। यह पैसा किस मद से खर्च किया गया था ये अभी साफ नहीं हो सका है। 


मामले पर सफाई देते हुए समाजवादी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि यह सब फर्जी है और भाजपा द्वारा प्लांट किया गया है। बताते चलें कि कुछ महीने पहले ही अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री आवास में तोड़फोड़ की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हुई थी। फोटो में टेनिस कोर्ट, टाइल्स, नल जैसी कई चीजें उखड़ी और टूटी दिख रही थी।