पांच राज्यो में हो रहे विधानसभा चुनाव ने कांग्रेस के भविष्य का संकेत देना शुरु कर दिया है। पहले तो मायावती ने कांग्रेस से गठबंधन करने से इनकार कर दिया और अब अखिलेश यादव भी 134 साल पुरानी इस पार्टी को आखें दिखा रहे हैं। 

अखिलेश ने कांग्रेस को इशारों इशारों में चेतावनी देते हुए कहा 'अगर साइकिल (सपा का चुनाव चिन्ह) को रोकोगे तो आपका हाथ (कांग्रेस का चुनाव चिन्ह) हैंडल से हटा दिया जाएगा।'

अखिलेश ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को एक ही पाले में रखते हुए कहा कि बड़े लोग गरीबों का पैसा लेकर विदेश भाग गए। इन लोगों को भगाने में कांग्रेस-भाजपा दोनों का हाथ है। कांग्रेस भी जीएसटी लाना चाहती थी।

जिस तरह अखिलेश कांग्रेस को निशाना बना रहे हैं, उससे कांग्रेस के साथ सपा के रिश्तों के भविष्य का संकेत मिल जाता है। 

अखिलेश का मतलब साफ है कि 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन की राह मुश्किल है। अगर कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी की सहमति के बिना कोई कदम उठाया तो यह संभव है कि सपा कांग्रेस से अपना पल्ला झाड़कर अलग हो जाए। 

दरअसल कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को रोकने के लिए सभी छोटे दलों का महागठबंधन बनाने की योजना पर काम कर रही है। लेकिन इसके गठन से पहले ही सभी नेताओं के सुर बदलते हुए दिख रहे हैं।