देश का दिल कही जाने वाली दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जहां एक ओर सीसीटीवी कौन लगाएगा, इस 'जंग' में उलझे हैं, वहीं जुलाई में हुए एक सर्वे में राजधानी की सुरक्षा को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। 

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल एंटी टेरर विंग की पड़ताल में सामने आया है कि राजधानी के विभिन्न बाजारों में लगे सीसीटीवी काम नहीं कर रहे हैं। यह सर्वे स्वतंत्रता दिवस से पहले राजधानी की सुरक्षा तैयारियों को परखने के लिए किया गया था। 

सर्वे में हुए खुलासे के अनुसार, दिल्ली में लाजपत नगर, सरोजनी नगर, साकेत, जीके-1 मार्केट और डिफेंस कॉलोनी मार्केट जैसे मुख्य बाजारों में लगाए गए सीसीटीवी काम नहीं कर रहे हैं। इन सीसीटीवी की निगरानी और नियंत्रण का जिम्मा दिल्ली पुलिस के पास है। 

स्पेशल सेल की ओर से 10 से 15 जुलाई के बीच यह पड़ताल की गई। स्पेशल एंटी-टेरर विंग ने स्वतंत्रता दिवस से कुछ दिन पहले राजधानी दिल्ली की सुरक्षा परखने के लिए यह सर्वे किया था। सुरक्षा सर्वे के मुताबिक, दिल्ली के 45 बाजारों में से 12 में सीसीटीवी कैमरा काम नहीं कर रहे हैं। 

दिल्ली के जिन बाजारों में पहले धमाके हो चुके हैं, वहां भी सीसीटीवी काम नहीं कर रहे हैं। अगर इन हालात में कोई आतंकी वारदात हो जाती है तो सुरक्षा एजेंसियों को सीसीटीवी से कोई मदद नहीं मिलेगी।

सरोजनी नगर में अक्टूबर 2005 में धमाके हुए थे। इनमें 43 लोगों की मौत हो गई थी। स्पेशल सेल की पड़ताल में सामने आया कि यहां लगे 25 सीसीटीवी कैमरों में से कोई भी काम नहीं कर रहा है। इसी तरह भीड़भाड़ वाले जनपथ मार्केट में लगे 90% सीसीटीवी भी नहीं चल रहे हैं। जनपथ बाजार को भी आतंकी 2008 में निशाना बना चुके हैं। 

जहां एक ओर दिल्ली पुलिस इन सीसीटीवी को फिट रखने में नाकाम रही हैं, वहीं उपराज्यपाल अनिल बैजल की ओर से सीसीटीवी लगाने के लिए गठित की गई समिति ने सुझाव दिया था कि दिल्ली पुलिस को सीसीटीवी लगाने के लिए लाइसेंस देने वाली नोडल एजेंसी बनाया जाना चाहिए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस समिति की सिफारिशों को नकार दिया था। समिति के अध्यक्ष दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव (गृह) मनोज परीदा थे। केजरीवाल ने पहाड़गंज के एक होटल से 39 लड़कियों को बचाने की खबर को ट्वीट करते हुए बुधवार को कहा, 'सीसीटीवी कैमरे अपराध का पता लगाने के लिए होते हैं। इनसे जुड़े लोगों और पुलिस की जवाबदेही होनी चाहिए। अगर पुलिस सीसीटीवी का लाइसेंस देगी तो क्या पुलिस ऐसी जगहों पर सीसीटीवी लगाएगी? कभी नहीं।'