लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में अपने कैबिनेट विस्तार किया। जिसमें 18 नए मंत्रियों को शामिल करने के साथ चार मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। कैबिनेट से हटाए गए पूर्व सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह पर विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। लेकिन अब जब कैबिनेट से हटा दिया गया तो कह रहे हैं कि योगी आदित्यानाथ इसकी जांच करा लें। ताकि सच और झूठ सामने आ जाए।

योगी आदित्यनाथ ने अनुपमा जायसवाल, अर्चना पांडे, राजेश अग्रवाल और धर्मपाल सैनी से इस्तीफा ले लिया था। हालांकि राजेश अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने उम्र का हवाला देकर इस्तीफा दिया था। लेकिन अब पूर्व सिंचाई मंत्री का दर्द झलक रहा है। उनका कहना है कि योगी आदित्यनाथ को इसकी जांच करानी चाहिए।

क्योंकि उनके पास एक मकान तक तो नहीं है और जो भी आरोप लगे हैं वह गलत हैं। जानकारी के मुताबिक सैनी पर आरोप है कि सिंचाई विभाग में तबादलों में तमाम गड़बड़ियां हुईं। विभाग में कमिशन खोरी की भी शिकायतें मिल रही थीं। लेकिन सैनी खामोश थे और उनकी यही खामोशी उनकी कुर्सी ले डूबी। उनके खिलाफ इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद शीर्ष नेतृत्व खासा नाराज था।

हालांकि, धर्मपाल को छोड़कर कोई भी मंत्री शिकायत नहीं कर रहा है। धर्मपाल सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं के बीच अपना दर्द बयां किया। बरेली पहुंचे धर्मपाल ने कहा कि मेरा सार्वजनिक जीवन बेदाग है और जो भ्रष्टाचार के आरोप उन पर लगाए जा रहे हैं वो बेबुनियाद हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरे पूरे कार्यकाल की जांच करवा लें। अगर मैं दोषी साबित हो जाउं तो मुझे जेल भेज दिया जाए। मैं विधायकी से भी इस्तीफा दे दूंगा।