भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को अमेरिका ने वीजा देने के लिए मना कर दिया था। लेकिन बाद में बीसीसीआई की पहल पर उन्हें वीजा मिला। असल में शमी का अपनी पत्नी के साथ विवाद चल रहा है और शमी पर घरेलू हिंसा और व्यभिचार का मामला दर्ज होने के बाद अमेरिका ने उन्हें वीजा नहीं दिया। हालांकि बाद में शमी को वीजा मिल गया है। क्योंकि  वीजा में पुलिस वेरीफिकेशन में पूरी जानकारी नहीं दी गयी थी।

शमी का पुलिस रिकॉर्ड में होने की वजह से अमेरिका ने शमी को वीजा देने से साफ मना कर दिया था। गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले शमी की पत्नी हसीन जहां ने शमी और उसके परिवार वालों के खिलाफ मुरादाबाद में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें मारपीट, दहेर उत्पीड़न और शमी पर अन्य महिलाओं के साथ के साथ संबंध होने की बात कही गयी है।

फिलहाल ये मामला मुरादाबाद की कोर्ट में चल रहा है। इस केस के आने के बाद शमी ने कई दिनों तक क्रिकेट नहीं खेला था। शमी को वीजा न दिए जाने के मामले में बीसीसीआई को इसमें दखल देना पड़ा और फिर अमेरिका ने उन्हें वीजा दिया गया।  भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड सीईओ राहुल जौहरी ने इसके लिए अमेरिका दूतावास को पत्र लिखकर उन्हें वीजा देने की अपील की थी।

उसके बाद इसे मान लिया गया। इस पत्र में जौहरी ने शमी की उपलब्धियों के साथ ही उनके हसीन जहां से चल रहे पारिवारिक विवाद पर स्पष्ट तौर पर बताया था और जिसके बाद संतुष्ट होने पर अमेरिका ने शमी को वीजा दिया। भारतीय खिलाड़ियों को पी1 कैटेगरी में वीजा दिया जाता है।

इसके तहत अगर कोई खिलाड़ी अंतररष्ट्रीय स्तर की टीम का सदस्य है तो उसे अमेरिका जाने के लिए शॉर्ट टर्म वीजा दिया जाता है। असल में जांच के दौरान पाया गया कि पुलिस वैरिफिकेशन रिकॉर्ड पूरा नहीं था। जिसके बाद अमेरिकी दूतावास को जरूरी दस्तावेज जमा करा दिए गए हैं।