नई दिल्ली। मध्य प्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। राज्य में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच मनमुटाव है। पार्टी में एक धड़ा ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्य प्रदेश का कांग्रेस बनाने की मांग रहा है। ये मांग कमलनाथ सरकार के मंत्री भी कर रहे हैं। लिहाजा कमलनाथ मुश्किल में हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक राज्य के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को दे दिया और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे मंजूर कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक 12 सितंबर को दिल्ली में होने वाली कांग्रेस के आला नेताओं की बैठक में कमलनाथ का इस्तीफा सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया जा सकता है। हालांकि कांग्रेस ने इस बारे में कोई घोषणा नहीं की है। राज्य में पार्टी के भीतर तीन गुट बन चुके हैं। राज्य में कमलनाथ के हाथ में सत्ता की चाबी है तो संगठन के मुखिया भी वही हैं।

राज्य में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के गुट आपस में ही उलझे हुए हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इन दोनों गुटों को अपनी तरफ से बढ़ावा देते रहते हैं। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी का महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाकर पार्टी ने मध्य प्रदेश में गुटबाजी खत्म करने की कोशिश की थी।

लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फिर से राज्य की राजनीति में दखल देना शुरू कर दिया है। हाल ये है कि सिंधिया गुना सीट से ही लोकसभा का चुनाव हार गए थे। हार के लिए सिंधिया गुट का आरोप है कि कमलनाथ गुट के लोगों ने उन्हें हराया। 

मीडिया में जो रिपोर्ट आ रही हैं अब सीएम कमलनाथ ने एक व्यक्ति एक पद के फार्मूले के तहत अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को सौंप दिया है। नए अध्यक्ष की घोषणा जल्द ही की कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की शनिवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुलाकात हुई थी। कमलनाथ शनिवार सुबह दिल्ली पहुंचे और शाम को वह सोनिया के आवास गए।