जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय यात्रा के दौरान आज केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह आतंकी हमले में जान गंवाने वाले एसएचओ अरशद खान के घर पहुंचे। वहां उन्होंने उनके परिवार के लोगों से मुलाकात की। हालांकि अपनी पहली कश्मीर यात्रा के दौरान शाह ने हुर्रियत के नेताओं से पूरी दूरी बनाकर रखी। इसके जरिए उन्होंने आतंकवाद का समर्थन करने वाले हुर्रियत के नेताओं को कड़ा संदेश दिया।

आज सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अरशद खान के घर पहुंचे। अपने अधिकारिक दौर के दूसरे दिन अमित शाह पहली बार श्रीनगर के अनंतनाग जिले में स्थित शहीद एसएचओ अरशद खान के घरवालों से मुलाकात की। शाह के पहुंचने से पहले ही सुरक्षा बलों ने इस इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था और सुरक्षा का कड़ा पहरा था।

असल में 12 जून को अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में अरशद खान शहीद हो गए थे। हालांकि पहले से ही ये कयास लग रहे थे कि शाह उनके घर जा सकते हैं। शाह ने उनके परिवार के लोगों से मिले और अपनी संवेदना व्यक्त की। इसके जरिए शाह ने जम्मू कश्मीर की आवाम को संदेश देने की कोशिश भी की। हालांकि शाह ने इस यात्रा के दौरान किसी भी राजनैतिक व्यक्ति से आधिकारिक तौर पर मुलाकात नहीं की।

यही नहीं उन्होंने हुर्रियत के नेताओं को भी कोई तवज्जो नहीं दी। जबकि पूर्व में अकसर ऐसा होता था कि जो भी नेता वहां जाता था वह हुर्रियत के नेताओं से जरूर मिलता था। उधर बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर उच्च अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों का साफ हिदायत दी कि यात्रा में किसी भी तरह की हिंसा नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने  सुरक्षा एजेंसियों को हिंसा मुक्त यात्रा सुनिश्चित करने का आदेश दिया। गौरतलब है कि गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह पहली बार कश्मीर के दौरे पर हैं। उन्होंने राज्य के राज्यपाल सत्य पाल मलिक के साथ बैठक कर राज्य में कई विकास परियोजनाओं पर चर्चा की। मंत्री बनने के साथ ही अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों से साफ कह दिया था कि राज्य आतंकवाद मुक्त होना चाहिए।