नेशनल डेस्क। लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में अपनी बात रखी। अमित शाह ने कहा कि लोकसभा में 27 अविश्वास और 11 विश्वास प्रस्ताव आ चुके हैं। इस बार पीएम मोदी और मंत्रीमंडल पर किसी को अविश्वास नहीं है। इसका मकसद केवल जनता को गुमराह करना है। पीएम मोदी देश के लोकप्रिय नेता हैं। 9 साल में पीएम मोदी ने 50 से ज्यादा ऐसे फैसले किए जो सदियों तक याद रखे जाएंगे। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा।

राहुल गांधी पर बरसे अमित  शाह

अमित शाह ने राहुल को निशाने पर लेते हुए कहा कि इस सदन में एक ऐसे नेता हैं जिनको 13 बार राजनीति में लाया गया लेकिन हर बार उनकी लॉन्चिंग फेल हुई। उनकी एक ऐसी ही लॉन्चिंग संसद से हुई थी। बुंदेलखंड की एक गरीब मां के घर वह नेता भोजन करने गए। संसद में उसकी गरीबी का वर्णन किया लेकिन असल में उसके लिए कुछ नहीं किया गया। उस मां को घर, पानी, बिजली, अनाज मोदी सरकार ने दिया है। 

शाह ने अखिलेश को भी लिया आड़े हाथ

कोरोना पर बात करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में अखिलेश-राहुल ने जनता से कहा वैक्सीन मत लेना मोदी वैक्सीन है। पर जनता ने मोदी सरकार पर विश्वास जताया और कोरोना टीकाकरण कराया। लॉकडाउन का जिक्र करते हुए कहा कि विपक्षी दलों ने लॉकडाउन का विरोध किया कहा गरीब क्या खाएगा। मोदी सरकार ने किसी को भूखे नहीं सोने दिया और 80 करोड़ लोगों को फ्री गेंहू दिया। वहीं शाह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि जनधन योजना को लेकर नीतीश सरकार ने हमारा मजाक उड़ाया कि एकाउंट तो खोल दिया अंदर क्या डालेंगे, बोनी तो कराओ। उन्होंने कहा नीतीश बाबू आज 49 करोड़ बैंक खाते खोले जिसमें दो लाख करोड़ गरीबों के जमा हैं। 

सर्जिकल और एयस्ट्राइक का किया जिक्र

देश की सुरक्षा पर अमित शाह ने यूपीए सरकार के दौरान हुए आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि 2004-14 से दौरान सरहद पार से आतंकी घुसते और जवानों के सिर काटकर ले जाते थे। हमारी सरकार में पाकिस्तान ने दो बार हिमाकत की और दोनों बार स्ट्राइक कर पाकिस्तान के घर में घुसकर आंतकियों का खात्मा किया। चीन पर काहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में स्थिति ऐसी थी की चीन की सीमा पर तोपें ना पहुंच पाए। सड़कें नहीं नक्शा ही देखते रहते थे। लेकिन मोदी सरकार ने अंतिम गांव तक भारत के प्रथम गांव तक सड़क पहुंचाई। 

'370 नेहरु की भूल'

कश्मीर का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 नेहरु की भूल थी। जिसे मोदी ने हटाया और इसके साथ कश्मीर के अंदर से दो झंडे दो संविधान खत्म हुआ और भारत के साथ जुड़ाव हुआ। कहा कि उन्हें विपक्ष की एनजीओ की एक रिपोर्ट देखी जिसमें लिखा गया था कि समस्या सुलझाने के लिए हुर्रियत से चर्चा करो और जमीयत से चर्चा करो। पाकिस्तान से चर्चा करो। हम घाटी की जनता से चर्चा करेंगे अब कश्मीर में आतंकी का जनाजा नहीं निकाला जाता उन्हें दफन कर दिया जाता है। 
 

 

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