नई दिल्ली। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आजकल केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक फैसले से खलबली मची हुई है। पाकिस्तान को डर सता रहा है कि कहीं हिंदुस्तान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हमला न कर दे। वहीं उसे भी अलगाववादियों की तरह लगता है कि भारत कश्मीर में धारा 35 ए को खत्म कर सकता है। लिहाजा वह कश्मीर घाटी में ज्यादा अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी का विरोध कर इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाना चाहता है। 

असल में कुछ दिन पहले ही केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घाटी में दस हजार अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को भेजने का फैसला किया था। हालांकि उनके इस फैसले का विरोध राज्य के राजनैतिक दलों के नेता और अलगाववादी भी कर रहे हैं।

क्योंकि इन लोगों को लग रहा है कि केन्द्र सरकार राज्य में धारा 35 ए को खत्म कर सकता है। अब इन नेताओं के साथ ही अलगाववादियों को संरक्षण देना वाला पाकिस्तान भी इस फैसले से घबराया हुआ है। पाकिस्तान को लगता है कि भारत कहीं एयर स्ट्राइक की तरह पाक अधिकृत कश्मीर में किसी तरह हमला न कर दे।

क्योंकि उसे घाटी में अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी खटक रही है। लिहाजा वह इसका विरोध कर रहा है। वह जम्मू एवं कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती ने को लेकर बेचैन है। फिलहाल घाटी में अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त मौजूदगी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की धमकी दे रहा है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री अब इस पर सवाल उठा रहे हैं। पाकिस्तान मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक जम्मू एवं कश्मीर मामलों की संसदीय समिति की पांचवीं बैठक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस पर सवाल उठाते भारतीय कार्रवाई को गलत बताया।

कुरैशी ने कहा कि घाटी में दस हजार और सैनिक कश्मीर में भेजे हैं और वो मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। जिस तरह से कश्मीर के अलगाववादियों को धारा 35 ए के खत्म होने का डर सता रहा है वैसे ही पाकिस्तान को भी डर लग रहा है कि भारत वहां पर इस धारा को खत्म कर रहा है। कुरैशी ने कहा कि भारत कश्मीर की संवैधानिक स्थिति को बदलना चाहता है।