केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आने वाले कुछ और महीनों तक भाजपा के अध्यक्ष बने रहेंगे। पार्टी के संगठनात्मक चुनावों के पूरे होने के बाद ही अगले भाजपा अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। अमित शाह ने बृहस्पतिवार को भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्य प्रमुखों और प्रदेश महासचिवों की बैठक की अध्यक्षता की। 

इस बैठक में पार्टी के सदस्यता अभियान और संगठनात्मक चुनावों पर चर्चा हुई। पार्टी के एक नेता के अनुसार, यह प्रक्रिया पूरी होने में कुछ महीने का समय लग सकता है। संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया अक्टूबर-नवंबर तक खिंच सकती है। इसलिए माना जा रहा है कि अमित शाह दिसंबर तक पार्टी प्रमुख बने रह सकते हैं।

हालांकि उन्होंने कहा कि पार्टी की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई संसदीय बोर्ड इस दौरान नए अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकता है लेकिन यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि शाह फिलहाल दोनों भूमिका को निभाना जारी रखेंगे या नहीं। इस साल के अंत तक भाजपा के शासन वाले तीन राज्यों हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव होने हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बात की काफी संभावना है कि वह तब तक संगठन की जिम्मेदारी संभालें। 

शाह का भाजपा अध्यक्ष के तौर पर तीन साल का कार्यकाल इस साल की शुरुआत में खत्म हो चुका है। लोकसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित रखने के लिए पार्टी में संगठनात्मक चुनाव पर रोक लगा दी गई थी। शाह से भी पार्टी अध्यक्ष के तौर पर काम जारी रखने को कहा गया था। 

शाह ने नौ जून को महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा की राज्य इकाइयों के कोर ग्रुप के साथ बैठक की थी। चुनाव से पहले इन राज्यों में भाजपा की रणनीति पर मंत्रणा की गई। 

शिवराज को बड़ी जिम्मेदारी

उधर, मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के हार के बावजूद लोकसभा चुनावों में अप्रत्याशित प्रदर्शन करने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। शिवराज को पार्टी के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान का प्रमुख बनाया गया है। यानी अब शिवराजकी अगुवाई में पूरे देश में भाजपा के सदस्यता अभियान को आगे बढ़ाया जाएगा। 

नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों और राज्य प्रमुखों की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवराज को यह अहम जिम्मेदारी सौंपी। अमित शाह ने सदस्यता अभियान में उन राज्यों में खासतौर पर ध्यान देने को कहा है, जहां पार्टी का संगठन अभी कमजोर है। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद शिवराज राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में आ गए हैं।