नई दिल्ली। पाकिस्तानी सेना का वहां की सरकार में दखल बढ़ता ही जा रहा है। इसके संकेत काफी अरसे से मिलने शुरू हो गए थे। लेकिन लगता है कि जल्द ही पाकिस्तान में तख्ता पलट हो सकता है। क्योंकि पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा न केवल पाकिस्तान की आर्थिक नीतियों में दखल बढ़ रहा है बल्कि विदेश नीति को भी पाकिस्तान की सेना तय कर रही है।

असल में पाकिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा अब पीएम इमरान खान के साथ चीन दौरे पर भी गए हैं। जबकि इससे पहले वह इमरान खान के साथ अमेरिका के दौरे पर जा चुके हैं। इमरान खान एक बार फिर चीन से मदद मांगने के लिए चीन गए हैं। ताकि पाकिस्तान को आर्थिक मदद मिल सके। यही नहीं अपनी चीन की यात्रा में इमरान खान एक बार फिर कश्मीर के मुद्दे पर ड्रैगन से मदद मांगेंगे। ताकि इसके जरिए वह पाकिस्तान में भारत विरोध कर अपना वजूद बचा सकें।

लेकिन दिलचस्प ये है कि इमरान खान की इस यात्रा में उनके साथ साये की तरह पाकिस्तानी सेना के प्रमुख भी है। जिनका पाकिस्तान की सरकार में तेजी से दखल बढ़ रहा है। पिछले दिनों ही बाजवा को पाकिस्तान की सरकार ने तीन साल का सेवा विस्तार दिया है। हालांकि ये सेना के दबाव में लिया गया फैसला है। लेकिन पाकिस्तान की सेना के हाथ में कठपुतली बन चुके इमरान खान को पाकिस्तान में अपने वजूद को बचाने के लिए पाकिस्तान की सेना का साथ जरूर चाहिए।

हालांकि पाकिस्तान में हर विपक्षी दल यही कहता है कि इमरान खान सेना के हाथ की कठपुतली हैं और जब सेना चाहिए इमरान खान सत्ता से बाहर हो जाएंगे। पाकिस्तान की सेना का दखल पाकिस्तान की सरकार में इसी बात से दिखता है कि कुछ समय पहले ही सेना प्रमुख ने पाकिस्तान के कारोबारियों की बैठक बुलाई थी। जिसमें इमरान खान को नहीं बुलाया गया था। इससे साफ होता है कि आर्थिक मोर्चे पर दखल के बाद अब सेना प्रमुख विदेश नीति में भी दखल दे रहे हैं।

असल में पाकिस्तान में अभी तक तीन बार तख्तापलट हो चुका है। लिहाजा अगर चौथी बार ऐसा होता है तो कोई अचरज नहीं होगा। जानकारी के मुताबिक चीन के पीएम ली कचियांग और सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के वाइस चेयरमैन के साथ हुई बैठक में इमरान खान के साथ ही बाजवा मौजूद थे।