जैसलमेर: राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके इन दिनों आठ देशों की सेनाओं के स्वागत की तैयारी में जुटे हुए हैं। यह सभी सेनाएं एक संयुक्त युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए इकट्ठा हो रही हैं। इस युद्धाभ्यास का आयोजन 6 से 14 अगस्त के बीच किया जाएगा। 

इसके लिए जैसलमेर में भारतीय सेना के अधिकारी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। इस आयोजन के लिए विभिन्न देशों की सैन्य टुकड़ियां और अधिकारी जैसलमेर पहुंच रहे हैं। जिनके लिए  अलग अलग व्यवस्था की जा रही है। 

इसमें हिस्सा लेने के लिए अभी तक 6 देशों की सैन्य टुकड़ियां और उनके प्रतिनिधि जैसलमेर पहुंच चुके हैं। इसमें चीन और रुस की टुकड़ियां प्रमुख हैं। चीन के साथ भारतीय सेना ने अब तक कोई बड़ा अभ्यास नहीं किया है। 

इसके पहले इस तरह का आयोजन रुस में -30 डिग्री तापमान में होता था। लेकिन इस बार राजस्थान के गर्म इलाकों को युद्धाभ्यास के लिए चुना गया है। 

यह प्रतिस्पर्धा पांच चरणों में होगी। जिसमें- 

-बीएमपी (टैंक जैसा छोटा वाहन) के जरिए दुश्मन के इलाके में घुसना
-एंबुश लगाना यानी घात लगाकर दुश्मन की सेना पर हमला बोलना
-छोटे हथियारों से दुश्मन पर फायरिंग कर बढ़त लेना
-पानी में तैरते हुए दुश्मन के इलाके में पहुंचकर आक्रमण करना
-कम नुकसान में ज्यादा फायदा उठाने के सिद्धांत का अभ्यास किया जाएगा। 

यहां पहुंच सैन्य अधिकारियों ने इस आयोजन की तैयारियों का जायजा भी लिया।  इस आयोजन में सैना के शौर्य को प्रदर्शित करने वाले कई प्रकार के साहसिक और रोमांचक गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा।   

यह पहला मौका है जब भारतीय सेना देश में ज्‍वाइंट वॉर गेम एक्‍सरसाइज का आयोजन करने जा रही है। इसमें भाग लेने वाले देश बेलारूस, रूस, चीन, कजाकिस्‍तान, उज्‍बेकिस्‍तान, अर्मेनिया और सूडान हैं। सूडान के अलावा सभी देशों के प्रतिभागी जैसलमेर पहुंच चुके हैं।  

 इसकी मेजबानी जोधपुर स्थित भारतीय सेना की कोणार्क कोर कर रही है। इस प्रतियोगिता का मुख्य राउंड 6 से 14 अगस्त तक चलेगा।