इस शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जयपुर पहुंच गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बनने वाले महागठबंधन की नींव इस शपथ ग्रहण समारोह में पड़ेगी। कांग्रेस इसमें राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्षी एकता दिखाने का पूरा प्रयास करेगी। आज तीनों हिंदी भाषी राज्यों में नए मुख्यमंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह होना है और इसकी शुरुआत राजस्थान से होगी।
-15 विपक्षी दलों के शामिल होने की उम्मीद
-ममता और माया नहीं आयी
राजस्थान में आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जयपुर पहुंच गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बनने वाले महागठबंधन की नींव इस शपथ ग्रहण समारोह में पड़ेगी। कांग्रेस इसमें राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्षी एकता दिखाने का पूरा प्रयास करेगी।
आज तीनों हिंदी भाषी राज्यों में नए मुख्यमंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह होना है और इसकी शुरुआत राजस्थान से होगी। जयपुर में अल्बर्ट हॉल के सामने सुबह साढ़े 10.30 बजे आयोजित समारोह में अशोक गहलोत मुख्यमंत्री व सचिन पायलट उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। तीनों ही राज्यों में आयोजित समारोहों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ करीब 15 विपक्षी दलों के नेता भी आमंत्रित किए गए हैं। तीनों समारोहों के मंच को कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता के तौर पर पेश करेगी। राजस्थान सहित तीनों ही राज्यों में अभी कैबिनेट का गठन नहीं होगा।
इस शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अलावा पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा, आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी के शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, बसपा प्रमुख मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, हेमंत सोरेन, बाबू लाल मरांडी, एमके स्टालिन, शरद यादव, तेजस्वी यादव भी शामिल हो रहे हैं। अशोक गहलोत तीसरी बार सीएम, सचिन पायलट पहली बार डिप्टी सीएम की शपथ लेंगे।
कल ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कार्यक्रम स्थल का अलग-अलग जायजा लिया। पहले अशोक गहलोत पहुंचे और अफसरों को दिशा-निर्देश दिए। इसके बाद सचिन पायलट पहुंचे। इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को अब राजस्थान, मप्र व छग के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, जैसे भाजपा सरकार के समय किया था।
Last Updated Dec 17, 2018, 10:22 AM IST