नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने साफ किया है कि अगर किसी ने कोरोना योद्धाओं पर हमला किया तो उन्हें सात साल की सजा होगी साथ ही दो लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा। केन्द्र सरकार ने देशभर में कोरोना योद्धाओं पर हो रहे हमले के बाद ये फैसला किया है। जिसके बाद अब हमला करने वालों की मुश्किलें बढ़ेंगी।

कोरोना वायरस के संकट के बीच स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को अब 7 साल की जेल तक हो सकती है और साथ ही 2 लाख रुपये का जुर्माना भरेगा। विभिन्न संघों से जुड़े डॉक्टरों ने सरकार से मांग की थी कि संक्रमण को फैलने से रोकने वाले लोगों को विशेष रूप से हमलों से बचाया जाए और जो हमला कर रहे हैं उनके खिलाफ गैर-जमानती बनाने के लिए एक कानून लाए। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक अध्यादेश जारी किया है, जिसके तहत मेडिक्स पर हमले के मामले गैर-जमानती होंगे।

अध्यादेश के माध्यम से महामारी रोग अधिनियम में परिवर्तन को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। हमला करने वालों के खिलाफ जांच 30 दिनों में पूरी हो जाएगी और इसमें 2 लाख रुपये तक का जुर्माना सहित कठोर सजा होगी। अगर मामला और भी गंभीर है तो सजा सात साल तक होगी और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना होगा। जावड़ेकर ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों और डॉक्टरों पर किसी भी तरह का हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार को डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर हमले की कई शिकायतें मिलीं।

कल ही भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के साथ एक बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर हमलों की रिपोर्ट के बाद डॉक्टरों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया  था। वहीं आईएमए ने सोमवार को कहा था कि वह 23 अप्रैल को 'ब्लैक डे' मनाएगी, अगर सरकार स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा पर केंद्रीय कानून लागू नहीं करती है। हालांकि डाक्टरों ने हड़ताल को वापस ले लिया था।