लखनऊ। रामनगरी अयोध्या को नव्य-भव्य रूप में सजाया जा रहा है। 22 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर सरकार नगर के कायाकल्प में जुटी है। 30 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी अयोध्या आ रहे हैं। उसके पहले राम मंदिर को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों को सजाया जा रहा है। सड़क के  किनारों पर रामायण काल के प्रसंगों का चित्रण किया जा रहा है।

दीवारों को टेराकोटा स्कल्पचर से सजाया जा रहा

अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) की तरफ से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर आने वाले सभी रास्तों की दीवारों को टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल कलाकृतियों और कंकड़-पत्थर से बनी कलाकृतियों से सजाया जा रहा है। एडीए के अनुसार, धर्म पथ रोड के किनारे टेराकोटा कलाकृतियों व भित्तिचित्र लगाए जा रहे हैं। उनमें भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े संदर्भों को दर्शाया जा रहा है। 

दीवारों पर बनने वाली कलाकृतियों की खासियत

  • देखा जाए तो आने वाले समय में अयोध्या की सड़कें सेल्फी प्वाइंट की तरह से होंगी। 
  • भित्तिचित्र तीर्थयात्रियों के सांस्कृतिक मार्गदर्शक की तरह काम करेंगे। 
  • 50 से ज्यादा म्यूरल स्कल्प्चर्स व भित्ति चित्र पेंटिंग्स की ऊंचाई 9 फीट और चौड़ाई 20 फीट तय की गई है।
  • यह रामायण काल की अलग-अलग थीम पर बनेंगी। 
  • इनके निर्माण में महीन मिट्टी (केवल नदी तल की फाइन क्ले) का यूज किया जाएगा।
  • फाइन क्ले यूरिया और नमक रहित होगी। 
  • कलाकृतियों को बेकिंग को 970-1050-डिग्री तापमान पर पकाया जाएगा। 
  • भित्तिचित्रों का उभार 8 इंच और हर भाग, टुकड़े, ब्लॉक को पॉलिमर मोर्टार से दीवार पर लगाया जाएगा 
  • उन पर वेदर कोटिंग वाले पेंट लगेंगे।

कंकड़-पत्थर की 20 कलाकृतिया 

  • कंकड़-पत्थरों से बनी कलाकृतियों की ऊंचाई 9 फीट और चौड़ाई 20 फीट होगी।
  • धर्म पथ के अगल-बगल कुल 20 ऐसी कलाकृतियों का निर्माण होगा।
  • 2 महीने में पूरा होगा इनका काम। 
  • मुख्य पथ पर 22 जनवरी से पहले कलाकृतियों का काम पूरा करने की तैयारी।

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