आजम खान ने आज स्पीकर की कुर्सी पर मौजूद बिहार के शिवहर की सांसद रमा देवी से कह दिया कि 'आप मुझे इतनी अच्छी लगती हैं कि मेरा मन करता है आपकी आंखों में आंखें डाले रहूं'। जब उनके  बयान पर विरोध जताया गया तो आजम ने रमा देवी को अपनी बहन बताया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों आजम खान का मन अपनी बहन की आंखों में झांकने का करता है। कैसी मानसिकता है ये?  

नई दिल्ली: रामपुर के समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान के एक बयान पर भारी विवाद हो गया। उन्होंने संसद में स्पीकर की चेयर पर मौजूद भाजपा सांसद रमा देवी को देखकर उपरोक्त विवादित बयान दिया। वह तीन तलाक पर चल रही चर्चा में हिस्सा ले रहे थे। 

कुछ ऐसा था वाकया 
दरअसल जब तीन तलाक के मुद्दे पर आजम खान अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने पूछा कि मुख्तार अब्बास नकवी कहां हैं? 
जिसके बाद स्पीकर की कुर्सी पर पीठासीन रमा देवी ने कहा कि आप इधर-उधर की बात न करें बल्कि चेयर की ओर देखकर अपना विषय रखें।
जिसके बाद आजम खान ने बेहद असंसदीय लहजे में टिप्पणी की कि 'आप मुझे इतनी अच्छी लगती हैं कि मेरा मन करता है आपकी आंखों में आंखें डाले रहूं'

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बीजेपी सांसदों ने किया विरोध 
आजम खान के इस विवादित बयान से स्पीकर रमा देवी असहज हो गईं।  बीजेपी की तरफ से केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक है, लोकसभा स्पीकर के लिए आज तक किसी ने इस तरह की टिप्पणी नहीं की होगी। वह भी महिला स्पीकर के लिए। उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। उधर बीजेपी सांसदों ने भी  भारी हंगामा शुरु कर दिया।

हंगामे से घबराकर आजम खान ने की दूसरी गलती
जब इस मसले पर हंगामा होने लगा तो आजम खान समझ गए की उनकी जुबानदराजी उन्हें भारी पड़ने वाली है। जिसके बाद आजम खान ने बयान दिया कि  'मेरी मंशा गलत नहीं थी। मैं महिला स्पीकर को अपनी बहन मानता हूं। इसके बाद आजम खान खिसियाते हुए लोकसभा से बाहर निकल गए।

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तो क्या बहन की आंखों में आखें डालकर देखना चाहते थे आजम खान? 
पहले तो महिला स्पीकर की आंखों में आंखे डालकर देखने का बयान। फिर उसी महिला को अपनी बहन बताना। आजम खान आखिर कहना क्या चाहते हैं? उन्होंने ऐसा बयान देने से पहले सोचा भी नहीं कि उनकी इस उलटबयानी का मतलब क्या निकाला जाएगा। खुद रमा देवी ने भी आजम खान से माफी मांगने के लिए कहा। लेकिन आजम ढीठ बनकर उन्हें अपनी बहन बताकर मामले को हल्का करने की कोशिश करते रहे। 
उधर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने सांसद की कृत्य का बचाव करने के लिए सदन में उठ खड़े हुए। लेकिन उन्होंने मामला संभालने की बजाए और बिगाड़ दिया। अखिलेश ने कहा कि  'आजम खान जब शेर की दो लाइनें कह रहे थे तो पीठ की ओर से कहा गया कि चेयर देखकर ​​​कहा जाए, लेकिन उन्होंने जो कहा उसकी भावना में कोई कमी नहीं थी।'

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अब अखिलेश ने आजम खान की किस भावना का जिक्र किया। यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।