लखनऊऊ/रामपुर। रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के बेटे और विधायक अब्दुल्ला को पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया है। आज ही रामपुर पुलिस ने एक बार फिर जौहर यूनिवर्सिटी में तलाशी अभियान चलाया, जहां उन्होंने कई मूर्तियां भी मिली हैं। ये कहा जा रहा है कि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले मे पुलिस ने आजम के बेटे को हिरासत में लिया है। फिलहाल जौहर विश्वविद्यालय से रामपुर के सीओ सिटी अपनी गाड़ी से विधायक अब्दुल्ला को बाहर ले गए हैं।

मंगलवार को ही रामपुर में स्थित जौहर विश्वविद्यालय में पुलिस से छापा मारकर कई चोरी की किताबों को बरामद किया था। आजम खान इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं और जबकि उनका बेटा विधायक अब्दुला कुलपति है।

हालांकि आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्ला पर दो जन्मतिथि का मामला पहले से ही चल रहा है और इसके लिए लखनऊ और रामपुर में उनके खिलाफ पहले से ही एफआईआर दर्ज है। लिहाजा माना जा रहा है कि इस धोखाधड़ी मामले में पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है।

भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने अब्दुला का पासपोर्ट जब्त किए जाने की मांग की गई थी। वहीं कहा जा रहा है कि आज को जौहर विश्वविद्यालय में छापेमारी के दौरान रियासत कालीन रामपुर क्लब से चुराई गई शेरों की मूर्तियां मिली है। जिसके बाद उनकी मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गयी है।

भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने कुछ महीने पहले विधायक अब्दुल्ला और उनके पिता आजम खान पर असत्य और कूटरचित दस्तावेज के जरिए पासपोर्ट बनवाने का आरोप लगाया था। आकाश सक्सेना द्वारा पुलिस को उपलब्ध कराए गए तथ्यों को मुताबिक अब्दुला का जन्म लखनऊ और रामपुर दोनों जगह पर दिखाया गया है।

उनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों हाईस्कूल, बीटेक और एमटेक में जन्मतिथि एक जनवरी वर्ष 1993 अंकित है, जबकि पासपोर्ट में 30 सितंबर वर्ष 1990 दर्शाई गई है। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री आजम खां और विधायक बेटे और सांसद पत्नी के खिलाफ फर्जीवाड़े का मुकद्मा दर्ज कराया गया था।

फिलहाल पहले ही आजम खां अपने विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम के दो अलग-अलग स्थानों पर जन्म के प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में कानूनी शिकंजे में फंसे हुए हैं। इसके लिए भाजपा नेता आकाश सक्सेना लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में आजम खां, अब्दुल्ला आजम एवं राज्यसभा सदस्य डा. तजीन फात्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

वहीं इसके लिए रामपुर में भी तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया था। आकाश सक्सेना के मुताबिक अब्दुला का पहला जन्म प्रमाणपत्र माता-पिता की ओर से शपथ पत्र देकर नगर पालिका परिषद रामपुर से 28 जून 2012 को बनवाया गया था, जबकि दूसरा जन्म प्रमाणपत्र लखनऊ नगर निगम से 21 जनवरी 2015 को जारी किया गया।