नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी नेता और रामपुर सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को चुनाव से बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने विधायक अब्दुल्ला आजम को अयोग्य हो ने के बाद उन्हें विधायक के तौर पर मिले वेतन व अन्य सुविधाओं को वसूलने का आदेश दिया है। इसके लिए चुनाव आयोग ने यूपी विधानसभा के प्रमुख सचिव का आदेश दिया है।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम को अयोग्य करार दिया है और इसके साथ ही उनकी विधायकी को रद्द कर दिया है। हालांकि इसके खिलाफ अब्दुल्ला आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि उन्हें अभी तक राहत नहीं मिली है। अब ये सिद्ध हो चुका है कि अब्दुल्ला आजम खान ने चुनाव लड़ने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया था और चुनाव लड़ा। हालांकि वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे।

केन्द्रीय संयुक्त चुनाव आयुक्त ने यूपी के प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश विधानसभा को पत्र लिखकर अब्दुल्ला आजम से 15 फरवरी 2017 से लेकर 16 दिसंबर 2019 तक दिए गए वेतन व अन्य सुविधाओं की वसूली करने का आरोप किया है। असल में बसपा नेता नवाब काजिम अली खान अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस पर आदेश दिया था। फिलहाल  आजम खान और उनके परिवार के लिए ये बड़ा झटका है।

क्योंकि आजम खान के खिलाफ रामपुर में पहले से ही कई मामले चल रहे हैं। जबकि जौहर विश्विविद्यालय की जमीन को किसानों को वापस कर दिया गया है। वहीं इसके साथ ही कई मामलों में आजम खान के खिलाफ कोर्ट में पेश होने के लिए मुनादी भी बजाई गई है। लेकिन आजम खान अभी तक कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं। इसके साथ ही आजम खान के खिलाफ रामपुर में करीब 80 से ज्यादा मामले चल रहे हैं।